
अहमद पटेल पर आरोप ‘नरसंहार’ पर पीएम मोदी की ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की रणनीति: कांग्रेस
The Wire
गुजरात के एक सत्र न्यायालय में राज्य पुलिस की एसआईटी ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की ज़मानत याचिका का विरोध करते हुए कहा है कि वे 2002 के दंगों के बाद राज्य में भाजपा सरकार को गिराने के लिए दिवंगत कांग्रेस नेता अहमद पटेल के इशारे पर रची गई एक साज़िश में शामिल थीं.
गुजरात एसआईटी द्वारा शुक्रवार को पेश अपने हलफनामे में जारी जांच के दौरान लिए गए दो गवाहों के बयान भी प्रस्तुत किए गए. एसआईटी ने एक गवाह के बयानों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि पटेल के कहने पर 2002 के गोधरा दंगों के बाद सीतलवाड़ को 30 लाख रुपये मिले थे. Statement Issued by @Jairam_Ramesh , General Secretary In- Charge, Communications, AICC pic.twitter.com/vZo55UcDcN
एसआईटी ने आगे दावा किया कि सीतलवाड़ दंगा मामलों में भाजपा सरकार के वरिष्ठ नेताओं को फंसाने के लिए दिल्ली की सत्ता में उस वक्त काबिज एक प्रमुख राष्ट्रीय दल के नेताओं से मिला करती थीं. — Congress (@INCIndia) July 16, 2022
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, हलफनामे में कहा गया है कि सीतलवाड़ ने कथित तौर पर शुरू से ही इस साजिश के हिस्से के रूप में काम करना शुरू कर दिया था, क्योंकि गोधरा ट्रेन की घटना के कुछ ही दिनों बाद उन्होंने दिवंगत अहमद पटेल के साथ बैठक की थी और पहली बार में 5 लाख रुपये प्राप्त किए थे. पटेल के निर्देश पर एक गवाह ने उन्हें पैसा दिया था.
आरोप है कि ‘दो दिन बाद शासकीय सर्किट हाउस शाहीबाग में अहमद पटेल और आवेदक (सीतलवाड़) के बीच हुई बैठक में उक्त गवाह ने पटेल के निर्देश पर आवेदक (सीतलवाड़) को 25 लाख रुपये अधिक दिये थे.’