
असम-मेघालय के बीच 50 साल पुराने सीमा विवाद समझौते को अंतिम रूप देने की तैयारी, क्या है ये विवाद?
BBC
असम-मेघालय के बीच कुल 884.9 किलोमीटर का बॉर्डर है जिसमें से 12 क्षेत्रों पर विवाद कायम है. अगर नई दिल्ली में मंगलवार को होने वाली बैठक में दोनों राज्यों के बीच सहमति बनती है तो छह सीमा विवादों को सुलझा लिया जाएगा. जानिए क्या है ये विवाद?
केंद्र सरकार ने असम और मेघालय के बीच पांच दशक पुराने सीमा विवाद को समाप्त करने के लिए जनवरी में हस्ताक्षरित सीमा समझौते को अंतिम रूप देने के लिए 29 मार्च को एक बैठक बुलाई है.
लंबे अरसे के बाद पूर्वोत्तर के इन दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद पर जारी वार्ता सफल होती दिख रही है. असम-मेघालय के बीच कुल 884.9 किलोमीटर का बॉर्डर है जिसमें 12 विवादित क्षेत्र है. अगर नई दिल्ली में मंगलवार को होने वाली बैठक में दोनों राज्यों के बीच सहमति बनती है तो छह सीमा विवादों को सुलझा लिया जाएगा.
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने इस बैठक के बारे में मीडिया को बताया, "मुझे एक आधिकारिक सूचना मिली है कि गृह मंत्री अमित शाह ने 29 मार्च को शाम साढ़े चार बजे इस बैठक की तारीख़ तय की है. यह पत्र सीधे गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव की ओर से आया है.
पूर्वोत्तर के इन दोनों राज्यों ने 12 विवादित स्थानों में से छह में सीमा विवाद को सुलझाने के लिए इसी साल 29 जनवरी को एक अंतर-राज्य सीमा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. तब दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ संयुक्त बैठक की थी. तय किया गया कि अगली बैठक में इस सीमा विवाद समझौते को अंतिम रूप देने को लेकर फ़ैसला लिया जाएगा.