
असम में हवाई अड्डे के लिए चाय बागान की ज़मीन खाली कराने का क्यों हो रहा है विरोध?
BBC
असम सरकार ने सिलचर में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण के लिए डोलू चाय बागान से चाय की झाड़ियों को हटाने का काम शुरू कर दिया है. लेकिन चाय बागान में काम करने वाले मजदूरों का एक बड़ा वर्ग इसका विरोध कर रहा है.
"मैं इसी चाय बागान में काम करता हूं और मेरे पूर्वजों ने भी यहीं मज़दूरी की थी. लेकिन अब हमारे साथ अन्याय किया जा रहा है.इतनी बड़ी ज़मीन से चाय के पौधों को उखाड़ कर हवाईअड्डा बनाया जा रहा है, इससे हम सबका भविष्य खतरे में पड़ जाएगा." असम के कछार ज़िले के डोलू चाय बागान में महज 183 रुपये पर रोज़ाना मज़दूरी करने वाले सोहन कर्मकार (बदला हुआ नाम) बड़ी उदासी के साथ ये बातें कहते हैं.
दरअसल असम सरकार ने 12 मई से सिलचर में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण के लिए डोलू चाय बागान से चाय की झाड़ियों को हटाने का काम शुरू किया है.
लेकिन चाय बागान में काम करने वाले मज़दूरों का एक बड़ा वर्ग सरकार के इस बेदखली अभियान का विरोध कर रहा है.
कछार ज़िला प्रशासन के अधिकारियों की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की मौजूदगी में करीब 100 बुलडोज़रों को चाय की झाड़ियों को उखाड़ने के काम में लगाया गया है.
पिछले कुछ दिनों से मीडिया में आ रही अलग-अलग तस्वीरों में डोलू चाय बागान के मजदूरों को चाय की झाड़ियां हटाने आए प्रशासन के समक्ष घुटने पर बैठकर गिड़गिड़ाते हुए देखा गया.