असम में बाढ़ से तबाही, 'घर छोड़कर नहीं भागती तो ज़िंदा नहीं बचती': ग्राउंड रिपोर्ट
BBC
असम के कुल 33 ज़िलों में से 31 ज़िले बाढ़ की चपेट में है. इन ज़िलों में 2248 गांवों के बाढ़ की चपेट में आने से 6 लाख 80 हज़ार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.
"उस रात अगर मैं अपने बच्चों के साथ घर छोड़कर नहीं निकलती तो शायद आज हम जिंदा नहीं होते. घर में तेजी से पानी भर रहा था. पास के कुछ लोगों ने हमें बाहर निकाला. हम अपने साथ कोई सामान नहीं ला सके. सालों हो गए यहां बसे हुए लेकिन बुकलुंग नदी की उस रात जो भयानक आवाज सुनी थी वैसी कभी नहीं सुनी. अभी भी सोचती हूं तो दिमाग में नदी की आवाज गुंजने लगती है."
असम के बुकलुंग गांव की रहने वाली 35 साल की आलेहा बेगम बड़ी बेबसी के साथ ये बातें कहती हैं.
बीबीसी से बातचीत के दौरान वो लगातार पानी में डूबे अपने घर की ओर इशारा करती रहीं. पांच दिन बाद आलेहा अपने पति के साथ केले के पेड़ और बाँस से बनी नाव ( जिसे असमिया भाषा में भूर कहते है) पर चढ़कर घर को देखने आई थीं.
वह कहती हैं," बड़ी मुश्किल से घर में एक-एक सामान जोड़ा था. बाढ़ ने सब कुछ तबाह कर दिया है.अब सड़क पर रह रहे हैं.कामकाज बंद हो गया है. और पैसा भी नहीं है."
इसी गांव में आगे की तरफ रहने वाली बिनीता लस्कर अपने 13 साल के बेटे के साथ सड़क किनारे पलास्टिक के तंबू में दिन गुजार रही हैं. वो कहती हैं,"बाढ़ ने हमारा घर बर्बाद कर दिया है. पिछले छह दिनों से सड़क पर रह रहे हैं.अब तक किसी ने कोई मदद नहीं की है."