असम में नागरिकता साबित करने की लड़ाई लड़ रहे 60 वर्षीय व्यक्ति मृत पाए गए
The Wire
असम के मोरीगांव ज़िले का मामला. 60 वर्षीय माणिक दास दिसंबर 2019 से विदेशी न्यायाधिकरण में नागरिकता साबित करने की क़ानूनी लड़ाई लड़ रहे थे, जबकि उनका नाम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में शामिल था. उनके परिवार ने कहा कि मुक़दमे उन्हें मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ती थी, जिससे उन्होंने आत्महत्या कर ली.
मोरीगांव: असम के मोरीगांव जिले में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) में नाम होने के बावजूद विदेशी (नागरिक) न्यायाधिकरण में मुकदमा लड़ रहे 60 वर्षीय एक व्यक्ति द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है.
पुलिस ने बताया कि माणिक दास बीते 30 जनवरी से लापता थे और एक फरवरी की शाम को उनके घर के पास एक पेड़ से लटका हुआ उनका शव मिला.
अधिकारियों ने बताया कि जिले के बोरखाल गांव के माणिक दास के परिवार ने दावा किया है कि उन्हें अपनी भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए न्यायाधिकरण की कार्यवाही का सामना करने के दौरान मानसिक प्रताड़ना और परेशानी झेलनी पड़ी. इस वजह से उन्होंने आत्महत्या कर ली.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सूखी मछली बेचने का काम करने वाले माणिक दास दिसंबर 2019 से विदेशी न्यायाधिकरण के समक्ष अपने मामले का बचाव कर रहे थे, जबकि इससे कुछ महीने पहले ही प्रकाशित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) में उनका नाम शामिल था.