
असम: डीएनए रिपोर्ट में ख़ुलासा, पुलिस ने मुठभेड़ में अपराधी की जगह अन्य नागरिक को मारा
The Wire
बीते फरवरी में असम पुलिस ने मुठभेड़ में एक व्यक्ति को मारते हुए उसके सरेंडर बोडो उग्रवादी केनाराम होने का दावा किया था. हालांकि, एक परिवार ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा था कि एनकाउंटर में केनाराम की जगह उनके परिजन दिंबेश्वर की मौत हुई है. डीएनए रिपोर्ट सामने आने के बाद पुलिस ने स्वीकार किया कि मृतक केनाराम नहीं था.
गुवाहाटी: बीते 24 फरवरी की सुबह असम पुलिस ने एक कथित मुठभेड़ में एक व्यक्ति को मार गिराया था और दावा किया कि वह एक सरेंडर किया हुआ बोडो उग्रवादी और पुराना अपराधी केनाराम बसुमतारी था.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अब पीड़ित परिवार द्वारा की गई शिकायत, शव को कब्र से निकालने और फिर किए गए डीएनए विश्लेषण के बाद यह सामने आया है कि पुलिस द्वारा वास्तव में किसी और को मार दिया गया.
बक्सा जिले के जेंग्रेंगपारा गांव के निवासी बाणेश्वर मुचाहारी ने घटना के अगले दिन ही स्थानीय समाचारों में मृतक की तस्वीर देखी तो वह पहचान गए कि यह उनके छोटे भाई 40 वर्षीय दिंबेश्वर है, जिन्हें दो दिन पहले 23 फरवरी को घर से जाने के बाद से देखा नहीं गया था.
बाणेश्वरने अख़बार को बताया, ‘हम अपने स्थानीय थाने गए और वहां के अधिकारी से कहा कि शव मेरे भाई का लग रहा है. उन्होंने कहा कि चूंकि घटना रौता धाना क्षेत्र में हुई है, इसलिए हमें वहां जाना चाहिए. हम वहां गए और उनसे वही बात दोहराई. उन्होंने मेरे भाई का फोटो देखा और हमें उदलगुरी जिला पुलिस मुख्यालय जाने को कहा. हम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) से मिले और हमसे अनुरोध-पत्र देने के लिए कहा गया.’