असम के बंद पड़ी पेपर मिल के दो और कर्मचारियों की मौत, मृतक संख्या 95 हुई: यूनियन
The Wire
असम में नगांव पेपर मिल और कछार पेपर मिल के जॉइंट एक्शन कमेटी ऑफ रेकग्नाइज़्ड यूनियंस का कहना है कि हमारे अधिकतर कर्मचारियों की मौत उचित इलाज के अभाव में हुई है, क्योंकि उन्हें पिछले 55 महीनों से वेतन या बकाया नहीं मिला है. ये सामान्य मौतें नहीं हैं, हमारे लोग अधिकारियों की उदासीनता के कारण मारे जा रहे हैं.
गुवाहाटी: हिंदुस्तान पेपर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के असम स्थित बंद हो चुके नगांव और कछार पेपर मिल के दो और कर्मचारियों की राज्य के मोरीगांव जिले में मौत हो गई, जिसके कारण इन कारखानों के बंद होने के बाद से मारे गए कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 95 हो गई है. एक यूनियन नेता ने यह जानकारी दी.
दोनों कारखानों की जॉइंट एक्शन कमेटी ऑफ रेकग्नाइज्ड यूनियंस (जेएसीआरयू) के अध्यक्ष मानवेंद्र चक्रवर्ती ने बताया कि नगांव कागज कारखाने में काम करने वाले मधुमेह से पीड़ित 60 वर्षीय राजेंद्र कुमार नाथ की दिल का दौरा पड़ने से बुधवार (22 सितंबर) को मौत हो गई और कछार कारखाने की 59 वर्षीय कर्मचारी श्यामा काटा कुर्मी की गुर्दे और यकृत की बीमारी के कारण बृहस्पतिवार (23 सितंबर) को मौत हो गई.
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) सरकार के मई में लगातार दूसरी बार कार्यभार संभालने के बाद से इन कारखानों के 10 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है.
चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के कार्यकाल में 85 कर्मचारियों की या तो भूख से या इलाज के अभाव में मौत हो गई थी.