असम: कथित हिरासत में मौत के बाद भीड़ ने थाना जलाया, प्रशासन ने आरोपियों के घर पर बुलडोज़र चलाया
The Wire
एक मछली व्यापारी सफीकुल इस्लाम की कथित तौर पर हिरासत में मौत के बाद भीड़ ने बीते 21 मई को असम के नगांव ज़िले के बटाद्रवा थाने आग लगा दी थी. रविवार को प्रशासन ने सलोनाबारी गांव में अतिक्रमण अभियान चलाकर उन आरोपियों के घर गिरा दिए, जो कथित तौर पर आगज़नी में शामिल थे. पुलिस ने हिरासत में मौत से भी इनकार किया है. हालांकि मृतक के परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि पुलिस ने उसकी रिहाई के लिए 10,000 रुपये और एक बत्तख रिश्वत के रूप में मांगी थी.
जिला प्रशासन ने रविवार को सलोनाबारी गांव में अतिक्रमणकारियों को हटाने का एक अभियान शुरू किया, जिसके निवासियों ने एक दिन पहले एक स्थानीय व्यक्ति सफीकुल इस्लाम की कथित तौर पर हिरासत में मौत के बाद कथित रूप से हमला किया था और पुलिस थाने में आग लगा दी थी.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रविवार की सुबह बुलडोजर लेकर प्रशासन के लोग पुलिस थाने से करीब छह किलोमीटर दूर गांव पहुंचे और थाने में आग लगाने वालों के ‘अवैध’ घरों को ध्वस्त कर दिया.
इस्लाम को घटना से पहले वाली रात (20 मई) हिरासत में लिया गया था.
रविवार को बटाद्रवा का दौरा करने वाले पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) भास्कर ज्योति महंत ने इससे पहले दिन में महंत ने कहा था कि हिरासत में मौत के आरोप में स्थानीय लोगों ने पिछले दिन जिस बटाद्रवा थाने में आगजनी की थी, उसके प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है.