
असम: एनआरसी संयोजक ने विदेशी न्यायाधिकरणों से कहा- 2019 में आई सूची फाइनल नहीं
The Wire
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में असम एनआरसी की अंतिम सूची अगस्त 2019 में प्रकाशित हुई थी, जिसमें 19 लाख से अधिक लोगों के नाम शामिल नहीं थे. इस सूची के प्रकाशन के बाद से ही राज्य समन्वयक हितेश देव शर्मा और राज्य की भाजपा सरकार इस पर सवाल उठाते रहे हैं.
नई दिल्ली: असम के राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) संयोजक ने राज्य भर के विदेशी न्यायाधिकरणों (एफटी) के सदस्यों को पत्र भेजते हुए कहा है कि अगस्त 2019 में राज्य सरकार द्वारा प्रकाशित एनआरसी की सूची अंतिम नहीं है और वे किसी भी मामले के निपटारे में साक्ष्य के बतौर इस सूची (या पूरक सूची) पर को ध्यान में न रखें.
द हिंदू के अनुसार, राज्य समन्वयक हितेश देव शर्मा ने 18 अप्रैल को असम में सभी एफटी सदस्यों को एक पत्र जारी कर कहा था कि 31 अगस्त, 2019 को प्रकाशित एनआरसी सूची को अंतिम नहीं माना जा सकता क्योंकि इसे नागरिक पंजीकरण के रजिस्ट्रार जनरल (आरजीसीआर) द्वारा फाइनल सूची घोषित नहीं किया गया था.
उनके पत्र में लिखा है, ‘… इसमें त्रुटियां हैं, संभव है कि जब अंतिम सूची प्रकाशित हो तब कुछ चीजें बदल सकती है.’
मालूम हो कि असम के लिए एनआरसी को सबसे पहले 1951 में प्रकाशित किया गया था. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इसे अपडेट करने की प्रक्रिया अक्टूबर 2013 में शुरू हुई थी और इसके तहत ‘विदेशियों’ की पहचान के लिए कट ऑफ डेट 1971 रखी गई थी.