
असमः हाईकोर्ट ने पहले ‘भारतीय’ फिर ‘विदेशी’ घोषित महिला की रिहाई का आदेश दिया
The Wire
दरांग ज़िले की 55 वर्षीय महिला को फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने साल 2016 में भारतीय बताया था लेकिन 2021 में उन्हें इसी ट्रिब्यूनल ने 'विदेशी' घोषित कर दिया. इसके बाद से वे 19 अक्टूबर से तेजपुर जेल में बने डिटेंशन केंद्र में बंद हैं. कोर्ट ने 2021 के निर्णय को ख़ारिज करते हुए कहा कि दोनों फ़ैसलों में याचिकाकर्ता की पहचान समान है और एक ही व्यक्ति के संबंध में दूसरी राय क़ायम नहीं रखी जा सकती.
नई दिल्लीः गौहाटी हाईकोर्ट ने असम के दरांग जिले की 55 वर्षीय महिला को गुरुवार को डिटेंशन सेंटर से रिहा करने का आदेश दिया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दरांग जिले की एक फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने साल 2016 में महिला हसीना उर्फ हस्ना भानू को भारतीय घोषित किया था लेकिन 2021 में इसी फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने महिला को विदेशी घोषित कर दिया.
राज्य के मंगलदाई स्थित फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल-1 ने अगस्त 2016 को घोषित किया था कि हसीना कोई विदेशी या अवैध प्रवासी नहीं है.
हालांकि, असम सीमा पुलिस के रेफरल के बाद इसी फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में महिला (हसीना) के खिलाफ एक अन्य मामला दर्ज हुआ, जिसमें संदेह जताया गया था कि यह महिला बांग्लादेशी नागरिक हैं.