अल्लू अर्जुन: शोहरत जो 'पुष्पा' के किरदार से बदल गई
BBC
अल्लू अर्जुन उन गिने चुने तेलुगू कलाकारों में से हैं, जो अपनी फिल्मों से हर तबक़े के लोगों को आकर्षित करते हैं. 'पुष्पा' के ज़रिए उन्होंने हिंदी फिल्मों के बॉक्स ऑफ़िस पर भी अपनी कामयाबी का झंडा फहरा दिया है.
'पुष्पा' के पहले और 'पुष्पा' के बाद- हम जब भी तेलुगू कलाकार अल्लू अर्जुन की फिल्मों के बारे में चर्चा करते हैं, तो लोग अक्सर उनके करियर के बंटवारे की ऐसी ही लकीर खींचते हैं. तो पहली फिल्म 'गंगोत्री' से लेकर 'पुष्पा' तक अल्लू अर्जुन का फिल्मी सफ़र कैसा रहा है?
अल्लू अर्जुन को उनके दोस्त, फैन और परिवार के सदस्य प्यार से 'बनी' बुलाते हैं. वो आज 40 बरस के हो गए.
अल्लू अर्जुन का फिल्मी करियर 19 साल लंबा है. इस दौरान उन्होंने 14 निर्देशकों के साथ 22 फिल्मों में काम किया है. इसमें से 19 फ़िल्में बॉक्स ऑफ़िस पर हिट रही हैं. ये सिर्फ़ अल्लू अर्जुन के करियर के दिलचस्प आंकड़े भर नहीं हैं. असल में ये आंकड़े 'गंगोत्री' फिल्म से करियर शुरू करने वाले अल्लू अर्जून के अभिनय में आए बदलाव की गवाही देते हैं. अल्लू अर्जुन उन गिने चुने तेलुगू कलाकारों में से हैं, जो अपनी फिल्मों से हर तबक़े के लोगों को आकर्षित करते हैं. 'पुष्पा' के ज़रिए उन्होंने हिंदी फिल्मों के बॉक्स ऑफ़िस पर भी अपनी कामयाबी का झंडा फहरा दिया है.
पहली फिल्म से लेकर पिछली फिल्म तक, अल्लू अर्जुन में बहुत बदलाव आया है. उनकी पहली फिल्म 'गंगोत्री' मार्च 2003 में रिलीज़ हुई थी, जिसका निर्देशन वरिष्ठ निर्देश के. राघवेंद्र राव ने किया था. जिस वक़्त अल्लू अर्जुन अपनी पहली फिल्म में काम कर रहे थे, उस समय उनके पिता और नामी-गिरामी निर्माता अल्लू अरविंद और उनके मामा चिरंजीवी, फिल्मी दुनिया में उनका मज़बूती से सहयोग कर रहे थे. हालांकि, उसके बाद अल्लू अर्जुन की कामयाबी में उनकी अपनी मेहनत और कोशिशों की भी बड़ी भूमिका रही है.
अल्लू अर्जुन ने पहली फिल्म 'गंगोत्री' मासूम सिम्हाद्रि का किरदार निभाया था. वहीं, 'पुष्पा' फिल्म में उन्होंने तजुर्बेकार तस्कर पुष्पराज की भूमिका निभाई. जब गंगोत्री फिल्म रिलीज़ हुई थी, तो अल्लू अर्जुन की उम्र बमुश्किल 21 बरस की रही होगी. नए कलाकारों में जो मासूमियत और हिचक क़ुदरती तौर पर होती है, वो अल्लू अर्जुन में उनके फिल्मी किरदार से कहीं ज़्यादा ज़ाहिर होती थी. पहली फिल्म में उनके अभिनय की बहुत आलोचना हुई थी. हालांकि, एक साल बाद आई उनकी फिल्म 'आर्या' ने उनके पुराने आलोचकों को भी प्रभावित किया था.