अल्पसंख्यकों को सुरक्षित स्थान पर भेजने की मांग लेकर कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति कोर्ट पहुंची
The Wire
जम्मू कश्मीर में हाल के दिनों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की हत्या की बढ़ती घटनाओं के मद्देनज़र कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों को घाटी से बाहर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने का सरकार को निर्देश देने के लिए हाईकोर्ट से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है. समिति का कहना है कि कश्मीर में रहने वाले हिंदू घाटी छोड़ना चाहते हैं, लेकिन सरकार उन्हें ऐसा करने नहीं दे रही है.
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में हाल के दिनों में लक्षित हत्याओं (Targeted Killings) की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति (केपीएसएस) ने सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों को घाटी से बाहर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने का सरकार को निर्देश देने के लिए हाईकोर्ट से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है.
मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए केपीएसएस प्रमुख संजय के. टिक्कू ने दावा किया कि कश्मीर में रहने वाले हिंदू घाटी छोड़ना चाहते हैं, लेकिन सरकार उन्हें ऐसा करने नहीं दे रही है.
टिक्कू ने कहा कि उन्होंने जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को ई-मेल के माध्यम से याचिका दायर की है, जिसमें संविधान के अनुच्छेद 21 के प्रावधानों के तहत (धार्मिक अल्पसंख्यकों के) जीवन के अधिकार की गारंटी देने और धार्मिक पुनर्वास सहित विभिन्न उपाय किए जाने का अनुरोध किया गया है.
उन्होंने ई-मेल में लिखा है, ‘केंद्र शासित प्रदेश/केंद्र सरकार को कश्मीर घाटी में रहने वाले धार्मिक अल्पसंख्यकों को घाटी से बाहर ले जाने/स्थानांतरित करने का निर्देश दिया जाना चाहिए, क्योंकि धार्मिक अल्पसंख्यकों को आतंकवादियों से सीधे खतरा है.’