अल्पसंख्यकों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने की कोशिश भारत को बांट देगी: रघुराम राजन
The Wire
एक कार्यक्रम के दौरान श्रीलंका में जारी संकट का उल्लेख करते हुए रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि यह द्वीपीय देश इस बात का नतीजा देख रहा है, जब देश के नेता रोज़गार उत्पन्न करने में असमर्थता से ध्यान हटाने की कोशिश में अल्पसंख्यकों पर निशाना साधते हैं.
राजन ने बहुसंख्यकवाद के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि श्रीलंका इस बात का उदाहरण है कि क्या होता है, जब किसी देश के नेता नौकरी के संकट से ध्यान भटकाने के लिए अल्पसंख्यकों को लक्षित करते हैं.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित कांग्रेस पार्टी के एक प्रकोष्ठ ‘अखिल भारतीय प्रोफेशल कांग्रेस’ के पांचवें सम्मेलन में राजन ने कहा कि अल्पसंख्यकों को ‘दोयम दर्ज के नागरिक’ में तब्दील करने का कोई भी प्रयास देश को विभाजित करेगा.
राजन ने ‘भारत के आर्थिक विकास के लिए उदार लोकतंत्र की आवश्यकता क्यों है.’ विषय पर अपने विचार रखे.
उन्होंने कहा, ‘इस देश में उदार लोकतंत्र के साथ क्या हो रहा है और क्या यह वास्तव में भारतीय विकास के लिए आवश्यक है? हमें इसे बिल्कुल मजबूत करना चाहिए. आज भारत में कुछ वर्गों में यह भावना है कि लोकतंत्र भारत को पीछे रखता है. भारत के लिए मजबूत, यहां तक कि निरंकुश नेतृत्व भी चलेगा, जिसमें कुछ नियंत्रण और संतुलन हो और ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.’