अयोध्या: क्या ज़मीन भ्रष्टाचार के आरोपों पर राम जन्मभूमि ट्रस्ट से ज़्यादा मीडिया रक्षात्मक है
The Wire
राम मंदिर ट्रस्ट पर ज़मीन संबंधी भ्रष्टाचार के आरोपों के फौरन बाद इसके महासचिव चंपत राय ने कहा कि वे आरोपों का अध्ययन करेंगे. लोगों का कहना है कि जवाब के लिए उनका अध्ययन पूरा होने का इंतज़ार करना चाहिए, पर मीडिया का एक बड़ा हिस्सा ट्रस्ट की ओर से सफाई देते हुए उसे क्लीन चिट देने की उतावली में दिखता है.
विडंबना देखिए: तब समूचे संघ परिवार को सांप सूंघ जाने के कारण उनका सवाल तीन दशकों तक अनुत्तरित रहने को अभिशप्त हो गया और अब, जब उसके वर्चस्व वाले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ढिठाईपूर्वक ‘जवाब’ देना शुरू किया है तो मुख्यधारा के ज्यादातर संपादकों व पत्रकारों की ऐसी असुविधाजनक पड़तालें करने या उनसे जुड़े सवाल पूछने की आदत ही जाती रही है. ये आदत नहीं जाती रहती तो ट्रस्ट द्वारा भूमि खरीद का तीन महीने पुराना जो मामला इन दिनों चर्चा में है, उसकी बाबत जानने के लिए आप समाजवादी पार्टी के नेता व उत्तर प्रदेश के पूर्वमंत्री तेजनारायण पांडेय ‘पवन’ या आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंसों के मोहताज न होते. कोई न कोई पत्रकार मार्च में ही इस रहस्योद्घाटन का कर्तव्य निभा चुका होता. मुख्यधारा की पत्रकारिता की इस कर्तव्यहीनता को गवारा किया जा सकता था, बशर्ते वह अभी भी भूल सुधार के मूड में होती. लेकिन अभी भी उसकी हालत ‘हम तो डूबेंगे सनम’ वाली ही दिखती है.More Related News