अमेरिकी सांसदों ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर चिंता जताई, भारत ने ख़ारिज किया
The Wire
अमेरिका में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी के तीन सांसदों ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए आरोप लगाया कि सरकार सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही और बोलने की आज़ादी के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर रही है. अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ धार्मिक आधार पर भेदभाव को अलग-थलग करके नहीं देखा जा सकता है, क्योंकि बढ़ता राष्ट्रवाद लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के लिए ख़तरा है. हालांकि भारत सरकार और अनेक भारतीय संगठनों ने इन आरोपों से इनकार किया है.
वॉशिंगटन: अमेरिका में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी के तीन सांसदों ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए आरोप लगाया कि सरकार सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है, अभिव्यक्ति की आजादी पर कार्रवाई कर रही है. हालांकि भारत ने इन आरोपों को खारिज किया है. इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल द्वारा आयोजित ‘भारत में धार्मिक स्वतंत्रता: चुनौतियां और अवसर’ विषय पर सामूहिक परिचर्चा में डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद एड मार्के ने कहा, ‘मैं भारत में 20 करोड़ मुसलमानों सहित अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में काफी चिंतित हूं.’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘सरकार सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही और बोलने की आजादी के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. अल्पसंख्यकों के खिलाफ धार्मिक आधार पर भेदभाव को अलग-थलग करके नहीं देखा जा सकता है, क्योंकि बढ़ता राष्ट्रवाद लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के लिए खतरा है.’ समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मार्के ने कहा, ‘भारत की लंबे समय से बहुलवाद के लिए एक सराहनीय प्रतिबद्धता रही है. यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जिसका अमेरिकी लोगों के साथ संबंध बढ़ता जा रहा है, लेकिन जब एक साथी लोकतंत्र और रणनीतिक साझेदार रक्षा करने में विफल रहता है, तो संयुक्त राज्य अमेरिका को उन सभी लोगों के अधिकार के लिए बोलने का अधिकार है.’More Related News