अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के साथ वर्चुअली बैठक में PM Modi ने की बूचा नरसंहार की निंदा
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प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया, जिसके बाद दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच बैठक हुई. दोनों ने वैश्विक हालातों पर चिंता व्यक्त की.
प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच वर्चुअल बैठक हुई. इस बैठक में वैश्विक संकट, कोविड महामारी और क्लाइमेट क्राइसेस पर चिंता व्यक्त की गई. इस मीटिंग में पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र करते हुए बूचा नरसंहार की निंदा की है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि रक्षा के मामले में हम दोनों देशों के बीच एक मज़बूत पार्टनरशिप है. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि वो यूक्रेन के लोगों के प्रति भारत के मानवीय समर्थन का स्वागत करते हैं. हम आगे भी चर्चा करते रहेंगे, इससे हमारा रिश्ता और गहरा और मजबूत होगा. जो बाइडेन ने कहा कि जापान में 24 मई के आसपास क्वाड समिट है. मैं उम्मीद करता हूं कि आपसे 24 मई को जापान में मुलाकात होगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाइडेन को धन्यवाद देते हुए कहा कि हमारे रक्षा मंत्री 2+2 फॉर्मेट में मिलेंगे. उससे पहले हमारी मुलाकात उनकी बातचीत को दिशा देने के लिए अहम है. उन्होंने कहा, 'पिछले साल सितंबर में जब मैं अमेरिका आया था, तब आपने कहा था कि भारत-अमेरिका पार्टनरशिप बहुत सी वैश्विक समस्याओं के समाधान में योगदान दे सकती है. मैं आपकी बात से पूरी तरह सहमत हूं. विश्व के दो सबसे बड़े और पुराने लोकतंत्रों के रूप में हम नेचुरल पार्टनर्स हैं और पिछले कुछ सालों में हमारे संबंधों में जो प्रगति हुई है, जो नया मोमेंटम बना है. आज से एक दशक पहले शायद ऐसी कल्पना करना मुश्किल था.'
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी बातचीत ऐसे समय पर हो रही है जब यूक्रेन में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. कुछ समय पहले तक 20 हजार से अधिक भारतीय यूक्रेन में फंसे हुए थे और इनमें से अधिकांश युवा छात्र थे. काफी मेहनत के बाद हम उन्हें वहां से निकालने में सफल हुए, हालांकि एक छात्र ने अपना जीवन खो दिया. इस पूरे घटनाक्रम के दौरान मैंने यूक्रेन और रूस दोनों के राष्ट्रपतियों से फोन पर बातचीत की. मैंने न सिर्फ शांति की अपील की बल्कि, राष्ट्रपति पुतिन को यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ सीधी बातचीत का सुझाव भी रखा था. हमारी संसद में भी यूक्रेन के विषय पर बहुत विस्तार से चर्चा हुई.
भारत के प्रधानमंत्री ने रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि हाल ही में बूचा शहर में निर्दोष नागरिकों की हत्याओं की खबर बहुत चिंताजनक थी. हमने इसकी निंदा की और निष्पक्ष जांच की मांग की है. हम आशा करते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रही बातचीत से शांति का मार्ग निकलेगा. उन्होंने कहा कि हमने यूक्रेन में सिविलियन जनता की सुरक्षा और उनको मानवीय सहायता की आपूर्ति के लिए भी महत्व दिया है. हमने अपन तरफ से दवाइयां और राहत सामग्री यूक्रेन और उनके पड़ोसी देशों को भेजी हैं. यूक्रेन की मांग पर हम शीघ्र ही दवाइयों का एक और कंसाइमनमेंट भेज रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'आपने अपने कार्यकाल के शुरू में ही एक बहुत महत्वपूर्ण स्लोगन दिया था- Democracies Can Deliver. भारत और अमेरिका की पार्टनरशिप की सफलता इस स्लोगन को सार्थक करने का सबसे उत्तम ज़रिया है. इस साल भारत अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है और हम अपने डिप्लोमैटिक रिलेशन्स की 75 वीं सालगिरह भी मना रहे हैं. मुझे विश्वास है भारत के अगले 25 सालों की विकास यात्रा में अमेरिका के साथ हमारी मित्रता अभिन्न अंग रहेगी.'
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