
अमेरिका लड़ाइयाँ छेड़ता तो है लेकिन उन्हें अंजाम तक क्यों नहीं पहुँचा पाता?
BBC
अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद यह विश्लेषण ज़रूरी है कि ख़ुद को दुनिया सबसे शक्तिशाली कहने वाला देश लड़ाइयाँ जीत क्यों नहीं पाता है.
अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिका की वापसी के बाद इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने की कोशिश हो रही है कि दुनिया का सबसे शक्तिशाली माना जाने वाला देश, जिसके पास सबसे आधुनिक सेना है, सबसे आधुनिक टेक्नोलॉजी और सबसे आधुनिक वायु सेना है, वो तालिबान को मात क्यों नहीं दे पाया? अमेरिकी बुद्धिजीवी इस बात से परेशान हैं कि अमेरिका आधुनिक युद्ध क्यों नहीं जीत पाता? सवाल ये भी अहम है कि क्या मंगलवार (31अगस्त) को अमेरिकी सेना की वापसी के बाद अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिकी भागीदारी का अंत हो जाएगा, ख़ास तौर से एक ऐसे समय में जब चीन और रूस ने आगे बढ़कर तालिबान से रिश्ते बनाए हैं? अमेरिका के बचाव में कुछ लोग ये तर्क देते हैं कि अमेरिका को अफ़ग़ानिस्तान और इराक़ में कई सफलताएँ मिली हैं. शिकागो यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर टॉम कैसिडी कहते हैं, "अमेरिकी सेना ने ओसामा बिन लादेन को ढूँढ निकाला और मार डाला, अल-क़ायदा को नष्ट किया, उसके कई बड़े लीडरों को या तो मारा गया या गिरफ़्तार किया गया. अफ़ग़ानिस्तान में बुनियादी ढांचों का विकास हुआ, महिलाओं की शिक्षा के लिए स्कूल खोले गए. एक पढ़ा-लिखा माध्यम वर्ग उभरकर सामने आया. इराक़ में तथाकथित इस्लामिक स्टेट जैसे ख़तरनाक आतंकवादियों को नष्ट किया गया, सद्दाम हुसैन और लीबिया में कर्नल ग़द्दाफ़ी जैसे तानाशाहों का ख़ात्मा हुआ. ये कामयाबियां क्या कम हैं?"More Related News