
अमेरिका ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में भारत में मानवाधिकार के हालात की निंदा की
The Wire
अमेरिकी विदेश विभाग की 2022 में भारत में मानवाधिकार की स्थिति पर जारी एक वार्षिक रिपोर्ट में मनमानी गिरफ़्तारियों, यूएपीए के इस्तेमाल और 'बुलडोज़र न्याय' जैसी विभिन्न घटनाओं का ज़िक्र करते हुए देश में मानवाधिकारों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की गई है.
नई दिल्ली: भारत में 2022 में मानवाधिकार की स्थिति पर एक वार्षिक रिपोर्ट में अमेरिकी विदेश विभाग ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, मनमानी गिरफ्तारियों और हिरासत के मामलों, न्यायेतर हत्याओं, उचित प्रक्रिया के बिना संपत्ति की जब्ती और उन्हें तोड़ना, अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ भेदभाव और संगठनों की स्वतंत्रता का उल्लंघन समेत अन्य मुद्दों पर प्रकाश डाला है.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, सोमवार को वाशिंगटन डीसी में विदेश विभाग की ब्रीफिंग में रिपोर्ट जारी करते समय जब भारत के रिकॉर्ड के बारे में पूछा गया तो लोकतंत्र, मानवाधिकार एवं श्रम ब्यूरो के कार्यवाहक सहायक सचिव एरिन एम. बार्कले ने कहा कि भारत और अमेरिका नियमित रूप से लोकतंत्र और मानवाधिकार पर उच्च स्तरों पर विचार-विमर्श करते हैं.
उन्होंने कहा, ‘हमने भारत से अपने मानवाधिकार दायित्वों और प्रतिबद्धताओं को बनाए रखने के लिए दृढ़ता से आग्रह करना जारी रखा है और जारी रखेंगे. आश्चर्य की बात नहीं है, हम नियमित रूप से अमेरिका और भारत दोनों में सिविल सोसाइटी से मिलते हैं ताकि उनके दृष्टिकोण को सुन सकें और उनके अनुभवों से सीख सकें, और हम भारत सरकार को भी उनसे परामर्श करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.’
यह विदेश विभाग के भीतर एक ब्यूरो के नेतृत्व में होने वाला एक वार्षिक अभ्यास है और अमेरिकी कांग्रेस द्वारा अनिवार्य है. यह अलग-अलग डिग्री में सभी देशों के रिकॉर्ड का निरीक्षण करता है.