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अमेरिका, कनाडा और अरब देशों से AAP को मिली करोड़ों की अवैध फंडिंग, ED ने गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट
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ईडी ने गृह मंत्रालय को आम आदमी पार्टी की विदेशी फंडिंग से जुड़ी रिपोर्ट सौंपी है. इसमें बताया गया है कि आम आदमी पार्टी को संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, ओमान और अन्य देशों के कई दानदाताओं से धन प्राप्त हुआ. फंड ट्रांसफर करने के लिए विभिन्न दानदाताओं द्वारा एक ही पासपोर्ट नंबर, क्रेडिट कार्ड, ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया है.
दिल्ली के शराब नीति घोटाला मामले में फंसी आम आदमी पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले से ही कोर्ट में चल रहे मामले के बीच अब ई़डी ने आम आदमी पार्टी के विदेश फंड को लेकर बड़ा खुलासा किया है. जानकारी के मुताबित ईडी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को बताया है कि AAP को 2014-2022 के दौरान 7.08 करोड़ रुपये का विदेशी फंड प्राप्त हुआ है. जांच एजेंसी ने पार्टी पर इस विदेश फंड को हासिल FCRA, RPA और IPC का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. इस फंड को हासिल करने के लिए विदेशी दानदाताओं की पहचान और राष्ट्रीयता के साथ-साथ कई अन्य तथ्यों को छिपाने जैसे आरोप ईडी ने अपनी रिपोर्ट में लगाए हैं.
ईडी ने बताया कि आम आदमी पार्टी को संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, ओमान और अन्य देशों के कई दानदाताओं से धन प्राप्त हुआ. फंड ट्रांसफर करने के लिए विभिन्न दानदाताओं द्वारा एक ही पासपोर्ट नंबर, क्रेडिट कार्ड, ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया है.
ईडी ने अपनी जांच में AAP और उसके नेताओं द्वारा विदेशी फंड जुटाने में अनियमितताओं के कई मामलों का जिक्र किया है. इसमें पार्टी विधायक दुर्गेश पाठक सहित कई नेताओं पर 2016 में कनाडा में फंड रेजिंग प्रोग्राम से जुटाए गए पैसे का व्यक्तिगत लाभ के लिए दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. साथ ही अनिकेत सक्सेना (आप ओवरसीज इंडिया के कॉर्डिनेटर), कुमार विश्वास (आप ओवरसीज इंडिया के तत्कालीन संयोजक, कपिल भारद्वाज (आप सदस्य) और पाठक सहित विभिन्न आप स्वयंसेवकों और पदाधिकारियों के बीच भेजे किए गए ई-मेल की सामग्री के जरिए आरोपों की पुष्टि की है.
अब तक की जांच से पता चला है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में फंड रेजिंग कैंपेन के जरिए न केवल पैसा एकत्र किया गया, बल्कि विदेशी फंड पर FCRA के तहत लगाए गए प्रतिबंधों से बचने के लिए AAP ने बुक ऑफ अकाउंट्स में वास्तविक दानदाताओं की पहचान भी छिपाई. विदेशी फंड के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि-
1. कई दानदाताओं ने दान के लिए एक ही पासपोर्ट नंबर का इस्तेमाल किया है. 2. कई दानदाताओं ने दान के लिए एक ही ई-मेल आईडी का इस्तेमाल किया है. 3. कई दाताओं ने एक ही मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया है; 4. कई दानदाताओं ने दान के लिए एक ही क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया है.
ईडी ने अपनी जांच से संबंधित सभी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय को दानकर्ताओं के विवरण के साथ शेयर की है. जैसे फंडिंग करने वाले के नाम, दानकर्ता का देश, पासपोर्ट नंबर, दान की गई राशि, दान का तरीका और प्राप्तकर्ता का बैंक खाता नंबर, बिलिंग नाम, बिलिंग पता, बिलिंग टेलीफोन नंबर, बिलिंग ई-मेल, दान का समय और तारीख और पेमेंट के लिए इस्तेमाल किए गए गेटवे आदि, जो कि पीएमएलए, 2002 के तहत जांच के दौरान एकत्र किए गए हैं.
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आरएसएस से 32 साल तक जुड़ी रहीं गुप्ता ने 1992 में दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी. 1995-96 में वह दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की सचिव और 1996-97 में इसकी अध्यक्ष रहीं. 2002 में वह भाजपा में शामिल हुईं और पार्टी की युवा शाखा की राष्ट्रीय सचिव रहीं.
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महाराष्ट्र के डिप्टी CM एकनाथ शिंदे ने एक जोरदार बयान दिया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि उन्हें हल्के में न लिया जाए. शिंदे ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति उन्हें हल्के में लेगा, तो वे उसकी टांग पलट देंगे. हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि उनका और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कोई मतभेद नहीं है.
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रेखा गुप्ता ने बुधवार शाम दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना से मुलाकात की और राष्ट्रीय राजधानी में सरकार बनाने का दावा पेश किया. उनके साथ राज्य भाजपा पर्यवेक्षक रविशंकर प्रसाद और ओपी धनखड़, शहर भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और दिल्ली के सांसद बांसुरी स्वराज, प्रवीण खंडेलवाल और कमलजीत सहरावत भी थे. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा भी राज निवास में मौजूद थे.
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