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अमेरिकन ड्रीम से डिपोर्टेशन तक... एक दशक में US से इतने अवैध अप्रवासी भारतीयों की हुई 'घर वापसी'
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राष्ट्रपति ट्रंप के साथ 13 फरवरी को संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दूसरे देशों में अवैध रूप से रह रहे लोगों को वहां रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है. पीएम मोदी के साथ फोन पर बातचीत के बाद ट्रंप ने कहा कि भारत अवैध प्रवासियों के मामले में वही करेगा जो सही होगा.
अमेरिका से बीते दो सप्ताह में एक के बाद एक तीन विमानों ने अमृतसर के लिए उड़ान भरी जिसमें अवैध अप्रवासी भारतीयों को वापस भेजा गया है. डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद अब तक कुल 332 भारतीयों को डिपोर्ट किया जा चुका है. अप्रैल 2024 की डिपार्टमेंट ऑफ़ होमलैंड सिक्योरिटी की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में 2.2 लाख अवैध भारतीय रह रहे हैं और ऐसे में आने वाले वक्त में और भी लोगों को वापस भेजा जाएगा.
अमेरिका में अवैध अप्रवासी भारतीयों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में कहा कि भारत सरकार के पास अमेरिका में अवैध भारतीयों के बारे में आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, क्योंकि वे लीगल तरीके से भारत से चले गए होंगे, लेकिन वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी वहां रुके रहे या लीगल दस्तावेजों के बिना अमेरिका में दाखिल हो गए.
अमेरिका में कितने अवैध अप्रवासी भारतीय
होमलैंड सिक्योरिटी विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में अमेरिका में 1.1 करोड़ लोग अवैध अप्रवासी के तौर पर रह रहे थे, जिनमें सबसे बड़ी अवैध अप्रवासी आबादी मैक्सिको, ग्वाटेमाला, अल सल्वाडोर और होंडुरास से आ रही थी. भारत की बात करें तो 2018 में अवैध अप्रवासी आबादी 4.8 लाख से 54 प्रतिशत घटकर 2022 में 2.2 लाख हो गई.
2020 में सबसे ज्यादा भारतीयों की 'घर वापसी'
डिपोर्टेशन के लिए जिम्मेदार अमेरिकी एजेंसी आईसीई के आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक दशक में हर साल औसतन दो लाख से अधिक अवैध प्रवासियों को उनके संबंधित देशों में निर्वासित किया गया है. हर देश के आंकड़ों पर नज़र डालने से पता चलता है कि पिछले कुछ सालों में अमेरिका से निर्वासन के मिशन में भारतीय भी शामिल रहे हैं. उदाहरण के लिए 2014 में 359 भारतीयों को वापस भेजा गया था. 2017 में यह संख्या बढ़कर 460 और 2019 में 1,616 हो गई. डिपोर्टेशन के सबसे ज़्यादा आंकड़े 2020 में दर्ज किए गए जब 2,312 भारतीयों को वापस घर भेजा गया.
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