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अमेठी का टिकट फाइनल करने से क्यों बच रही है कांग्रेस? क्या वायनाड में वोटिंग का है इंतजार
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गांधी परिवार का गढ़ रही अमेठी सीट से कांग्रेस ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. रॉबर्ट वाड्रा ने भी अमेठी से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर कर दी है. ऐसे में अब यह सवाल भी उठ रहे हैं कि कांग्रेस आखिर अपना गढ़ रहे अमेठी में टिकट फाइनल करने से क्यों बच रही है?
उत्तर प्रदेश में गांधी परिवार के गढ़ रहे अमेठी से कांग्रेस किसे चुनाव मैदान में उतारेगी, इसे लेकर सस्पेंस के बीच पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा का एक बयान आया है. रॉबर्ट वाड्रा ने कहा है कि अमेठी की जनता मुझे अपने सांसद के रूप में देखना चाहती है. मौका मिला तो स्मृति ईरानी को चुनौती देने के लिए तैयार हूं.
वाड्रा के इस बयान से अमेठी से कांग्रेस के टिकट को लेकर बहस ने जोर पकड़ लिया है. यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने कहा है कि हम तो चाहते हैं कि अमेठी से राहुल गांधी ही चुनाव लड़ें. वाड्रा की दावेदारी और राहुल की उम्मीदवारी पर सस्पेंस के बीच सवाल यह भी उठ रहे हैं कि अमेठी का टिकट फाइनल करने से कांग्रेस क्यों बच रही है?
अमेठी पर निर्णय से क्यों बच रही कांग्रेस?
रॉबर्ट वाड्रा के बयान ने भी चर्चा की दिशा बदल दी है. अब चर्चा यह शुरू हो गई है कि क्या राहुल की सीट से कांग्रेस इस बार वाड्रा को उतारने के मूड में है? दरअसल, राहुल गांधी 2019 के चुनाव में अमेठी सीट से हार गए थे. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की स्मृति ईरानी ने अमेठी में राहुल गांधी को हरा दिया था. राहुल तब केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव मैदान में थे. राहुल वायनाड से जीतने में सफल रहे थे. राहुल गांधी इस बार भी वायनाड सीट से चुनाव लड़ रहे हैं जहां इस बार उनका मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार के सुरेंद्रन और लेफ्ट की एनी राजा से है.
वायनाड में लेफ्ट पार्टियां जमीन पर यह नैरेटिव सेट करने की कोशिश में हैं कि राहुल गांधी अमेठी से भी चुनाव लड़ेंगे और अगर वह वहां से जीत गए तो वायनाड सीट खाली कर देंगे. वायनाड में वोटिंग से पहले कांग्रेस ने अमेठी से राहुल गांधी के उतरने का ऐलान कर दिया तो हो सकता है कि लेफ्ट यह नैरेटिव सेट करने की रणनीति में सफल हो जाए. अगर ऐसा हुआ तो वायनाड सीट से राहुल गांधी के जीतने की संभावनाओं को नुकसान पहुंच सकता है. वायनाड सीट पर वोटिंग तक कांग्रेस की रणनीति अमेठी सीट को लेकर सस्पेंस बनाए रखने की हो सकती है.
रॉबर्ट वाड्रा के बयान से कांग्रेस को क्या फायदा?
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