अमित शाह के प्रयास से जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर में शांति के नए युग का आगाज़ हुआ: एनएचआरसी प्रमुख
The Wire
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के 28वें स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मानवाधिकार का बहुत ज्यादा हनन तब होता है, जब उसे राजनीतिक रंग दिया जाता है. एक ही प्रकार की किसी घटना में कुछ लोगों को मानवाधिकार का हनन दिखता है और वैसी ही किसी दूसरी घटना में उन्हीं लोगों को मानवाधिकार का हनन नहीं दिखता है.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा ने बीते मंगलवार को यह कहते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की प्रशंसा की कि उनके ‘अथक प्रयासों’ ने जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर में शांति के ‘नए युग’ की शुरुआत की है. The PM & HM have made a mockery of human rights since their Gujarat days. Now they are joined in the jugalbandi by Chairman of NHRC no less, a judge who sat in judgment on his own earlier order and claimed no conflict of interest. The democratic space in India continues to shrink
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के 28वें स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में पूर्व न्यायाधीश ने यह भी रेखांकित किया कि ‘बाहरी ताकतों’ द्वारा भारत के खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघन के ‘झूठे’ आरोप लगाना बहुत आम हो गया है, ‘जिसका विरोध किया जाना चाहिए.’ — Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 12, 2021
एनएचआरसी प्रमुख ने कहा, ‘मुझे केंद्रीय मंत्री अमित शाह जी को बधाई देते हुए खुशी हो रही है. आपके अथक प्रयासों ने जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर में शांति और कानून व्यवस्था के एक नए युग की शुरुआत की है.’
मालूम हो कि पांच अगस्त 2019 की शुरुआत में केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था.