अब पीएम मोदी के समर्थन में रिटायर्ड अधिकारियों और जजों ने लिखी जवाबी चिट्ठी- प्रेस रिव्यू
BBC
मंगलवार को मोदी के नाम लिखे गए ख़त के जवाब में अब 197 अधिकारियों की चिट्ठी, नीतीश कुमार ने लाउडस्पीकर पर क्या कहा और यूपी में नर्स की नौकरी के पहले दिन गैंगरेप. आज के अख़बारों की सुर्खियां
अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू में छपी ख़बर के मुताबिक़ बीते दिनों सांप्रदायिक हिंसा की हालिया घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सेवानिवृत्त नौकरशाहों के लिखे गए ख़त के जवाब में एक नया ख़त सामने आया है.
शनिवार को 197 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, नौकरशाहों और सशस्त्र बलों के अधिकारियों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखा जिसमें पहले लिखे गए पत्र की मंशा पर सवाल उठाया गया.
मंगलवार को पूर्व राजनयिकों, आईएएस, आईपीएस और आईआरएस अधिकारियों के एक समूह ने कॉन्स्टीयूशन कंडक्ट ग्रुप (सीसीजी) के बैनर तले पीएम मोदी को पत्र लिखकर उनसे 'नफ़रत की राजनीति' को ख़त्म करने के लिए कहा था और हाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की थी.
इसके जवाब में 197 सेवानिवृत्त अधिकारियों ने अपनी चिट्ठी में कहा, "यह उन अधिकारियों का बार-बार अपनी ओर ध्यान आकर्षित करने का एक प्रयास है, वास्तविकता में ये जानबूझ कर किया गया मोदी सरकार का विरोध है जिसे यह समूह समय-समय पर करता है और उन्हें लगता है कि ऐसा कर वे जनता की राय को सत्तारूढ़ व्यवस्था के खिलाफ़ आकार दे सकते हैं. ये उनकी हताशा दिखाता है क्योंकि जनता अभी भी मोदी के साथ है और हालिया राज्य चुनावों के नतीजों से ये साफ़ हो गया है."
इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली, पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल और यूपीएससी के पूर्व सदस्य और दिल्ली पुलिस आयुक्त बी.एस. बस्सी शामिल हैं.