![अब देश की जनता को ही सिकुड़ते लोकतंत्र के विरुद्ध खड़ा होना होगा](https://thewirehindi.com/wp-content/uploads/2022/09/India-Citizens-Flag-PTI-Photo.jpg)
अब देश की जनता को ही सिकुड़ते लोकतंत्र के विरुद्ध खड़ा होना होगा
The Wire
मोदी सरकार एक ऐसा राज्य स्थापित करने की कोशिश में है जहां जनता सरकार से जवाबदेही न मांगे. नागरिकों के कर्तव्य की सोच को इंदिरा गांधी सरकार ने आपातकाल के दौरान संविधान में जोड़ा था. मोदी सरकार बिना आपातकाल की औपचारिक घोषणा के ही अधिकारहीन कर्तव्यपालक जनता गढ़ रही है.
पिछले कुछ महीने से झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रहे सरकार को लगातार भाजपा व केंद्र द्वारा गिराने की कोशिशें हो रही हैं. एक तरफ राज्यपाल माइनिंग लीज मामले में हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द करने के चुनाव आयोग के कथित अनुशंसा पर चुप्पी साध अस्थिरता का माहौल बनाए हुए हैं. दूसरी ओर, भाजपा द्वारा सरकार भंग करने की मांग तेज़ हो गई और साथ-ही-साथ सत्ता पक्ष के विधायकों की खरीद-बिक्री की हवा भी तेज़ हो गई.
हालांकि, हेमंत सोरेन विशेष विधान सभा सत्र में विश्वासमत हासिल कर भाजपा को उनके ही खेल में मात देने में सफल रहे, लेकिन खरीद-बिक्री के इस खेल में वोटर तो महज़ मूकदर्शक बनते जा रहे हैं.
भाजपा और केंद्र सरकार के इस ‘ऑपरेशन कमल’ का अन्य कई राज्य जैसे महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गोवा व कई पूर्वोत्तर राज्य भी गवाह बन चुके हैं. खरीद-बिक्री व राज्यपाल के पद के दुरुपयोग के अलावा केंद्र सरकार द्वारा विपक्षी नेताओं और दलों को भ्रष्टाचार के नाम पर ईडी और सीबीआई जैसी सरकारी संस्थाओं के माध्यम से घेरा जा रहा है.
अगर मामला केवल भ्रष्टाचार पकड़ने का होता, तो भाजपा के अनेक नेताओं पर भी कार्रवाई होती. यह भी मज़ेदार बात है कि जैसे ही आरोपी विपक्षी नेता भाजपा से जुड़ जाते हैं या सरकार गिराने में सहयोग करते हैं, वैसे ही उनपर ईडी और सीबीआई का साया ख़त्म हो जाता है. अब भाजपा तो ‘कांग्रेस-मुक्त भारत’ के नारे के साथ-साथ क्षेत्रीय दलों के ख़ात्मे की भी बात कर रही है.