अफ़ग़ान शांति वार्ता: दोशान्बे में भारत, पाकिस्तान और ईरान की मौजूदगी में बातचीत शुरू
BBC
भारत वार्ता का हिस्सा नहीं था लेकिन दोशान्बे में हो रही शांति वार्ता में वो शामिल है. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि अफ़गानिस्तान में शांति की स्थापना के लिए ज़रूरी है कि उसके आसपास के क्षेत्र में भी शांति कायम रहे.
अफग़ानिस्तान में शांति बहाली की कोशिश के क्रम में मंगलवार से ताजिकिस्तान की राजधानी दोशान्बे में भारत, पाकिस्तान, ईरान और तुर्की समेत दो दर्जन से अधिक मुल्कों के नेता अहम बातचीत में हिस्सा ले रहे हैं. तालिबान के साथ अमेरिका के समझौते के बाद क़तर के दोहा में हुई बैठकें लंबा खिंचती रही हैं. उधर, अमेरिका ने कहा है कि तालिबान के साथ हुए समझौते की एक शर्त- यानी अमेरिकी फौजों की पूरी तरह से एक मई तक वापसी पर वो सोच विचार कर रहा है. तालिबान ने कहा है कि इसका मतलब होगा विदेशी फौजों पर हमले. दोशान्बे में दिए गए अपने भाषण के दौरान अफ़ग़ान राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी ने ज़ोर देकर कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में सत्ता में बदलाव चुनाव के ज़रिये ही होना चाहिए. अशरफ़ ग़नी ने कहा कि शांति वार्ता के बाद जो चुनाव हों, वो अंतरराष्ट्रीय समुदाय की देख-रेख में करवाए जाएं और वो समावेशी होना चाहिए. अफ़ग़ानिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष दूत ज़ल्मी ख़लीलज़ाद ने मार्च के महीमे में ही प्रस्ताव दिया था कि मुल्क में शांति की स्थापना के लिए एक कार्यवाहक सरकार बहाल की जानी चाहिए लेकिन अशरफ़ ग़नी ने, जिनका कार्यकाल अभी चार साल बाक़ी है, इस प्रस्ताव का विरोध किया था. अशरफ़ ग़नी ने फिर से कहा है कि वो चुनाव के लिए तैयार हैं. दूसरी तरफ़, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में वॉशिंगटन में कहा था कि अमेरिकी फौजों की वापसी का एक मई के डेडलाइन को पूरा कर पाना मुश्किल होगा.More Related News