
अफ़ग़ानिस्तान से निकलने की जल्दी में क्यों अमेरिका?
BBC
अमेरिकी फौज लगभग 20 साल तक अफ़ग़ानिस्तान रहने के बाद अब वहां से वापस जा रही है. आखिर इसकी क्या वजह है?
2001 के 11 सितंबर को हुए हमलों के ठीक 15वें दिन यानी 26 सितंबर, 2001 को अमेरिकी गुप्तचर संस्था, सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी ने तालिबान-विरोधी वॉरलॉर्ड्स के साथ मिलकर मुल्ला उमर हुक़ूमत को गिराने की गुप्त कार्रवाई की शुरुआत कर दी थी. हालांकि ऑपरेशन एंड्योरिंग फ़्रीडम की शुरुआत औपचारिक तौर पर अक्टूबर में हुई. सीआईए की टीम में जिसे 'जॉब्रेकर' के नाम से जाना गया, तालिबान-विरोधी-अमेरिकी मुहिम में अहमद शाह मसूद की नार्दर्न अलायंस, उज़्बेक नेता अब्दुल रशीद दोस्तम और पश्तून नेता हामिद करज़ई को शामिल किया गया था. मुहिम का मुख्य लक्ष्य था: अफ़ग़ानिस्तान में कम से कम अमेरिकी फ़ौजों की बहाली और उस स्थिति से बचना जैसी दो दशक पहले सोवियत रूस के साथ वहां पैदा हुई थी जब पूर्व कम्युनिस्ट हुक़ूमत वहां एक लंबी लड़ाई में फ़ंसकर रह गई थी. स्टोरीः फ़ैसल मोहम्मद अली आवाज़ः विशाल शुक्लाMore Related News