अफ़ग़ानिस्तान में भारत को क्या काबुल दूतावास भी बंद करना पड़ेगा?
BBC
अप्रैल 2020 में भारत ने हेरात और जलालाबाद के वाणिज्यिक दूतावासों से सभी कर्मियों को बुला लिया था. अब कंधार के वाणिज्यिक दूतावास से बुलाया गया है. क्या यह सिलसिला काबुल दूतावास तक जाकर थमेगा?
तालिबान ने इसी हफ़्ते शुक्रवार को दावा किया था कि उसने अफ़ग़ानिस्तान के 85 फ़ीसदी इलाक़ों को अपने नियंत्रण में ले लिया है. तालिबान ने कहा था कि ईरान और तुर्कमेनिस्तान से लगी सीमा उसके नियंत्रण में है. 20 साल की अधूरी लड़ाई के बाद अमेरिका अपने सैनिकों को वापस बुला रहा है और यह वापसी अगस्त महीने तक पूरी हो जाएगी. अमेरिका ने इसके लिए 11 सितंबर की आखिरी डेडलाइन तय की है. तालिबान के प्रवक्ता ज़बिल्लुाह मुजाहिद ने समाचार एजेंसी एएफ़पी से कहा है कि उनके लड़ाकों ने ईरान से लगे सीमाई शहर इस्लाम क़ला को अपने नियंत्रण में ले लिया है. हालांकि पूरे मामले पर अफ़ग़ानिस्तान की सरकार कुछ स्पष्ट नहीं कह रही है. इसके बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने फ़ैसले का बचाव किया है. बाइडन ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान समस्या का समाधान यथास्थिति बनाए रखना नहीं है. बाइडन ने कहा है कि वे अमेरिका की अगली पीढ़ी को भी अफ़ग़ानिस्तान की जंग नहीं भेजना चाहते हैं. बाइडन ने कहा है कि अफ़ग़ान ख़ुद ही अपने भविष्य को तय कर सकते हैं.More Related News