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अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की नई सरकार पर अब ईरान ने ऐसा क्यों कहा?
BBC
जब अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान से पूरी तरह वापस जाने का फ़ैसला लिया तो तालिबान और ईरान के बीच नज़दीकियां बढ़नें लगीं थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों से दोनों के रिश्तों में थोड़ी कड़वाहट देखने को मिली है.
तालिबान की नई सरकार के गठन के बाद ईरान के नए विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाह ने तालिबान के नए विदेश मंत्री आमिर ख़ान मुतक़्क़ी को फ़ोन करने के बजाए अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई को फ़ोन किया और अपनी चिंताएं ज़ाहिर की हैं. इसके अलावा ईरान के पूर्व विदेश मंत्री जव्वाद ज़रीफ़ का ये ट्वीट तालिबान और ईरान के बीच बढ़ते तनाव का स्पष्ट संकेत है. उन्होंने लिखा है, "अफ़ग़ानिस्तान में ख़ौफ़नाक कूटनीतिक भूल को फिर से दोहराया जा रहा है. कोई भी चाहे वो देसी हो या विदेशी, अफ़ग़ानिस्तान के बहादुर लोगों पर ताक़त के दम पर राज नहीं कर सका है. तीन सुपरपॉवर की यहां दुर्दशा हुई है. कोई और भी जो ताक़त के दम पर सत्ता क़ायम करना चाहेगा, उसका भी यही अंजाम होगा. ये समय बात करने और सभी को शामिल करने का है, इससे पहले कि परिस्थितियां फिर बदल जाएं." जब अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान से पूरी तरह वापस जाने का फ़ैसला लिया था तो तालिबान और ईरान के बीच नज़दीकियां बढ़नें लगीं थी. ईरान अफ़ग़ानिस्तान को लेकर सक्रिय हुआ और तालिबान के साथ अपनी पुरानी कड़वाहटों को भुलाकर संबंध सुधारने लगा. ईरान ने तालिबान के प्रतिनिधिमंडल को भी तेहरान बुलाया और बातचीत की.More Related News