अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की जीत रूस और चीन के लिए कैसी होगी?
BBC
अफ़ग़ानिस्तान से पश्चिमी देशों की सेना की वापसी के बाद अब रूस, चीन, ईरान और पाकिस्तान जैसे देशों के लिए वो एक नया अखाड़ा बन गया है, जिसके साथ उनके हित जुड़े हैं. लेकिन यहां सत्ता में तालिबान के आने से उन्हें क्या हासिल हो सकता है?
अगस्त के मध्य में अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के कब्ज़े के बाद अब वहाँ जल्द ही नई सरकार का गठन होने वाला है. इसके बाद अब दुनिया के कई मुल्क अफ़ग़ानिस्तान में हुए सत्ता परिवर्तन के मद्देनज़र अपनी नीति बदलने और वहाँ हुए बदलाव के साथ तालमेल बैठाने के रास्ते तलाश रहे हैं. रूस से लेकर चीन तक और पाकिस्तान से लेकर जर्मनी तक कई देशों ने इसके लिए कूटनीतिक प्रयास तेज़ किए हैं. लेकिन 26 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले के बाद ये स्पष्ट हो गया है कि अफ़ग़ानिस्तान में दूसरे सशस्त्र गुट भी हैं जो सक्रिय हैं और ये आने वाले वक्त में चिंता का विषय बन सकता है. लेकिन अफ़ग़ानिस्तान पर दो दशकों के बाद तालिबान की सत्ता के लौटने के बाद विश्व के दूसरे देशों और उसके पड़ोसियों के कौन-से हित उसके साथ जुड़े हैं?More Related News