अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की जीत क्या 'पाकिस्तान की जीत' है?
BBC
अफ़ग़ानिस्तान और भारत पुराने दोस्त रहे हैं और ये दोस्ती पाकिस्तान को नागवार गुज़रती रही है. अब बदली परिस्थितियों में जब अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान का नियंत्रण है क्या ये हालात पाकिस्तान के लिए 'विन विन सिचुएशन' हैं और इससे वो भारत पर दबाव बना सकता है?
अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के मामले में पाकिस्तान को शक भरी निगाहों से देखा जा रहा है. तालिबान और पाकिस्तान के संबंधों को लेकर भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. भारत ने पूरे मामले में पाकिस्तान का नाम लेते हुए कोई सीधा बयान नहीं दिया है, लेकिन तालिबान की जीत पर पाकिस्तान के भीतर से कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. भारत में पाकिस्तान के राजदूत रहे अब्दुल बासित ने तालिबान की जीत को भारत की हार की तरह देखा. 15 अगस्त को अब्दुल बासित ने अपने एक ट्वीट में कहा था, ''अफ़ग़ानिस्तान में पाकिस्तान को अस्थिर करने वाली जगह भारत के हाथ से निकलती जा रही है. अब भारत जम्मू-कश्मीर में और अत्याचार करेगा. पाकिस्तान अब ठोस रणनीति के तहत काम करे ताकि कश्मीर विवाद को सुलझाने के लिए भारत पर राजनयिक दबाव डाला जा सके.'' पाकिस्तान के न्यूज़ चैनलों पर होने वाली बहस में भी कई नेता और टिप्पणीकार इसे भारत की हार के रूप में देख रहे हैं.More Related News