
अफ़ग़ानिस्तान: भूख और ग़रीबी से जूझते लाखों लोग और एक देश के 'नरक' बन जाने का ख़तरा
BBC
संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि अफ़ग़ानिस्तान के 2.3 करोड़ लोग भुखमरी के ख़तरे से जूझ रहे हैं. यूएन के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने चेतावनी दी है कि देश के लिए अगले 6 महीने विनाशकारी हो सकते हैं.
अफ़ग़ानिस्तान की बड़ी आबादी पर भुखमरी का ख़तरा मंडरा रहा है.
देश का मौसम बदल रहा है. तापमान तेज़ी से नीचे जा रहा है. कई क्षेत्रों के सूखे की चपेट में आने की ख़बरें मिल रही हैं. इससे बड़े नुक़सान की आशंका जताई जा रही है.
राजधानी काबुल से क़रीब 80 किलोमीटर पश्चिम में मैदान वरदक नाम की जगह पर अनाज बांटने के एक केंद्र से आटा लेने के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई. यह आटा संयुक्त राष्ट्र के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (डब्ल्यूएफपी) की ओर से बांटा जा रहा था.
तालिबान लड़ाकों ने वहां जमा भीड़ को काफी हद तक शांत रखा हुआ था. लेकिन जिन लोगों को बताया गया कि वे आटा पाने के क़ाबिल नहीं है, वो नाराज़ थे और साथ ही डरे हुए भी थे.
एक बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया, "यहां सर्दी आ चुकी है. मुझे नहीं पता कि अगर मैं रोटी नहीं बना सका तो कैसे रहूंगा?"