अफ़ग़ानिस्तान: भारत का वीज़ा होने के बावज़ूद एयरपोर्ट नहीं पहुंच पाने वाले अफ़ग़ान सिखों का दर्द
BBC
दास्तान उन अफ़ग़ान सिखों की, जिन्हें भारत का वैध वीज़ा होने के बावज़ूद तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान छोड़ने की इजाज़त नहीं दी और वे वहीं रह गए.
अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में मौजूद सिख समुदाय के लोगों का कहना है कि वो सिर्फ़ तीर्थ यात्रा पर भारत जाना चाह रहे थे, जिसके लिए उन्होंने 6 महीने पहले से ही वीज़ा की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. उनका कहना है कि तालिबान के अफ़ग़ानिस्तान पर क़ब्ज़े से बहुत पहले ही उन्हें इसके लिए वीज़ा भी मिल गए थे. काबुल की गुरद्वारा प्रबंधक कमिटी के अध्यक्ष गुरनाम सिंह ने फ़ोन पर बीबीसी से बात करते हुए कहा कि हमेशा से ही धार्मिक आयोजनों में हिस्सा लेने के लिए अफ़ग़ानिस्तान में रहने वाले सिख भारत आते रहे हैं. इस बार भी गुरु तेग बहादुर की 400वें प्रकाशोत्सव के मौके पर दिल्ली के महावीर नगर स्थित गुरुद्वारे में मुख्य आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन में अलग-अलग देशों से सिख तीर्थ यात्री पहले से ही दिल्ली पहुँच चुके हैं. गुरनाम सिंह कहते हैं, "इसे हमारी क़िस्मत ही कह लीजिये. जब हमारे जाने की बारी आई तो काबुल के हालात क़ाबू से बाहर हो गए. हमारा जत्था भारत जाने की तैयारियां कर चुका था. हम बसों में बैठकर काबुल एयरपोर्ट जा रहे थे. लेकिन एयरपोर्ट के बाहर मौजूद तालिबान के लड़ाकों ने हमें आगे जाने से रोक दिया और वापस जाने को कहा." इससे पहले तालिबान ने फ़रमान जारी करते हुए स्पष्ट किया था कि "अफ़ग़ानिस्तान का कोई भी नागरिक देश छोड़कर नहीं जा सकता". हालांकि विदेशी नागरिकों के लिए कोई रोक नहीं है, मगर बताया जा रहा है कि कई भारतीय नागरिक अब भी काबुल में फंसे हुए हैं. काबुल का एयरपोर्ट वैसे तो अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा के घेरे में है, मगर एयरपोर्ट के बाहर की सड़क पर बड़ी संख्या पर तालिबान के लड़ाकों ने 'चेक पोस्ट बना रखे हैं, जहाँ वो एयरपोर्ट की तरफ जाने वाले हर व्यक्ति की जांच कर रहे हैं.More Related News