अफ़ग़ानिस्तान: तालिबान क्या दो दशक पहले की शासन व्यवस्था दोहरा रहा है?
BBC
1990 के दौर में, तालिबान के पहले शासन के दौरान नियम तोड़ने वालों को सख़्त सज़ा दी जाती थी, उन्हें सार्वजनिक रूप से पीटा जाता था.
लंबा सफ़ेद गाउन पहने अफ़ग़ानिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्रालय के इंस्पेक्टर (निरीक्षक) किसी 'नैतिक पुलिस' की तुलना में फ़ूड सेफ़्टी इंस्पेक्टर की तरह अधिक नज़र आते हैं.
वे तालिबान के कट्टर विचारों से प्रेरित अफ़ग़ानिस्तान की 'इस्लामी पहचान' बनाने की कोशिश में सबसे आगे हैं. सरकार में उनकी भूमिका केवल उनके पद तक सीमित नहीं है.
राजधानी काबुल के दुकानदार कुछ महीनों पहले के एक वाकये को याद करते हुए बताते हैं कि जब ये निरीक्षक एक मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में निरीक्षण के लिए गए थे, उस वक़्त वे हर प्रोडक्ट उठा-उठाकर जांच रहे थे. वो देख रहे थे कि कहीं प्रोडक्ट एक्सपायर तो नहीं हो गया है. इसके अलावा वे यह भी ताकीद कर रहे थे कि दुकान में लगे महिलाओं के पोस्टर हटाए जाएं.
हालांकि सारे पोस्टर अभी हटाए नहीं गए हैं. इस सप्ताह की शुरुआत में जब ये निरीक्षक दौरे पर निकले बीबीसी की टीम भी उनके साथ थी.
इस समूह का नेतृत्व गोल-चेहरे वाले और चश्मा पहनने वाले 25 वर्षीय मौलवी महमूद फ़ातेह कर रहे थे. निरीक्षकों के इस समूह में वो सबसे छोटे थे और मदरसा के छात्र रह चुके हैं.