अफ़ग़ानिस्तान: तालिबान के ख़िलाफ़ जंग में अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों को कितना नुक़सान हुआ?
BBC
साल 2001 से अब तक 20 साल तक चली अफ़ग़ानिस्तान की लड़ाई में अमेरिका और उसके नाटो के सहयोगियों के साथ अफ़ग़ानिस्तान को भी इसकी भारी क़ीमत चुकानी पड़ी.
अफ़ग़ानिस्तान से विदेशी ताकतों के लौटने के बाद देश पर फिर से तालिबान का शासन कायम हो गया है. इस मुक़ाम पर यह देखना दिलचस्प हो सकता है कि अमेरिका और नेटो के उसके सहयोगियों ने अफ़ग़ानिस्तान में 20 सालों तक चले सैन्य अभियानों पर कितना खर्च किया है? अमेरिका ने तालिबान को अफ़ग़ानिस्तान से बाहर करने के लिए उस पर पहली बार 7 अक्टूबर, 2001 को हमला बोला था. अमेरिका का आरोप था कि तालिबान ने अमेरिका में 9/11 का हमला कराने वाले ओसामा बिन लादेन और अल-क़ायदा के अन्य चरमपंथियों को अपने यहां पनाह दी थी. बाद में, वहां अमेरिकी सैनिकों की संख्या में लगातार वृद्धि होती चली गई. वॉशिंगटन ने तालिबान से लड़ने के लिए अफ़ग़ानिस्तान में अरबों डॉलर का निवेश किया. इससे 2011 तक सैनिकों की संख्या बढ़कर क़रीब 1,10,000 तक पहुंच गई.More Related News