
अफ़ग़ानिस्तान के सैनिक तालिबान के सामने इतने बेबस क्यों हैं?
BBC
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान एक के बाद एक नए इलाक़ों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर रहा है. अफ़ग़ानिस्तान के सैनिकों को अमेरिका ने प्रशिक्षित किया था, लेकिन वो प्रभावी क्यों नहीं साबित हो रहे?
अफ़ग़ानिस्तान के रणनीतिक रूप से अहम समांगन प्रांत की राजधानी को भी तालिबान ने सोमवार को अपने कब्ज़े में ले लिया. इसी दौरान अफ़ग़ानिस्तान सरकार समर्थित एक कमांडर ने भी तालिबान के पक्ष में जाने का फ़ैसला किया. उत्तरी अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान तेज़ी से बढ़ रहा है. कहा जा रहा है कि अशरफ़ ग़नी सरकार पर इस्तीफ़े का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफ़ग़ानिस्तान से 31 अगस्त तक अपने सभी सैनिकों को वापस बुलाने की घोषणा की है. तभी से तालिबान का अफ़ग़ानिस्तान में प्रभाव लगातार बढ़ा है. अब तक 90 फ़ीसदी से ज़्यादा अमेरिकी सैनिक वापस जा चुके हैं. सैनिकों को बुलाने को लेकर दुनिया भर में राष्ट्रपति बाइडन की आलोचना हो रही है. कहा जा रहा है कि अमेरिका ने 20 साल तक उस लड़ाई को लड़ा, जिसका कोई नतीजा नहीं निकला और अफ़ग़ानों को बीच मँझधार में छोड़कर निकल गया. मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफ़ग़ानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी के फ़ैसले का बचाव किया और कहा कि उन्हें इसके लिए कोई पछतावा नहीं है.More Related News