
अफ़ग़ानिस्तान की आज़ाद ख्याल रानी सोराया की कहानी जिन्हें लेकर होते रहे विवाद
BBC
रानी सोराया को इतिहासकार विलक्षण महिला के तौर पर याद करते हैं. सीरिया में जन्मी सोराया ने अफ़ग़ानिस्तान की महिलाओं के हक़ के लिए आवाज़ बुलंद की.
महिलाओं को पर्दा नहीं करना चाहिए और पुरुषों को एक से अधिक शादी नहीं करनी चाहिए. ये उस महिला के विचार थे जो अफ़ग़ानिस्तान की रानी बनी. अमानुल्ला ख़ान ने 1919 में जब अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता संभाली तो उनकी पत्नी सोराया तार्ज़ी के विचारों ने लोगों का ध्यान खींचा. सदियों से क़बीलाई और रूढ़िवादी संस्कृति में रहते आ रहे देश के लिए ये विचार नए थे. कुछ साल बाद अमानुल्ला ख़ान ने अपनी पदवी बदलकर अमीर से बादशाह कर ली और वो अफ़ग़ानिस्तान के शाह हो गए. अमानुल्ला का शासन 1929 तक चला. इस दौरान वो और रानी सोराया अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों की शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहे. 1926 में अमानुल्ला ख़ान ने एक बयान में कहा था, 'मैं भले ही जनता का राजा हूं लेकिन शिक्षा मंत्री मेरी पत्नी ही है.'More Related News