अफ़ग़ानिस्तान: अमेरिका ने क्या वही ग़लतियां दोहराईं जो सोवियत रूस ने की थीं?
BBC
अफ़ग़ानिस्तान में क्या अमेरिका ने सोवियत संघ की ही तरह कई ग़लतियां कीं. क्या वो अफ़ग़ानिस्तान की मिट्टी को समझने में नाकाम रहे. क्या इसमें पाकिस्तान की भी कोई भूमिका थी?
लगभग बिना किसी लड़ाई के अफ़ग़ानिस्तान पर क़ब्ज़ा करने वाले तालिबान के हमले ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया. हालांकि कागज़ पर अफ़ग़ान सेना हथियारों और संख्या के मामले में तालिबान से बहुत आगे थी. अमेरिका के जानकारों का कहना है कि अमेरिका ने सालों तक अफ़ग़ानिस्तान की वास्तविक स्थिति की अनदेखी की. उसने अफ़ग़ानिस्तान पर सोवियत रूस के नियंत्रण के दौरान हुई सभी ग़लतियों को दोहराया. अमेरिका ने कभी भी अफ़ग़ान संस्कृति और उनके रीति-रिवाजों को समझने की कोशिश ही नहीं की. जानकारों का यह भी कहना है कि अमेरिका 'सूचना युद्ध' में तालिबान से हार गया और वह अपने सहयोगी पाकिस्तान को तालिबान का समर्थन बंद करने के लिए मनाने में नाकाम रहा. अमेरिकी नेवी ग्रैजुएट स्कूल के प्रोफ़ेसर थॉमस जॉनसन 2008-2009 में अफ़ग़ानिस्तान में कनाडा की टीम कमांडर के वरिष्ठ सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं. उन्होंने बीबीसी रशियन सर्विस के साथ हुई बातचीत में कहा, "हम हार गए क्योंकि हम कभी अफ़ग़ानिस्तान को समझ नहीं पाए." कंधार से लौटकर, जॉनसन ने लिखा था कि अमेरिका, सोवियत रूस की सभी ग़लतियों को दोहरा रहा है. उन्होंने उसी समय भविष्यवाणी की थी कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अफ़ग़ान सरकार का पतन हो जाएगा.More Related News