अफ़ग़ानिस्तानः तालिबान की ज़ंजीरें तोड़ लड़कियों को पढ़ाती एक महिला
BBC
तालिबान ने सत्ता में आने के बाद लड़कियों के स्कूल जाने पर रोक लगा दी. मगर एक महिला के प्रयासों से रोशनी की एक किरण दिखाई दे रही है.
15 अगस्त 2021 को जब तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता संभाली तो उन्होंने महिलाओं और लड़कियों से घरों के भीतर रहने के लिए कहा. लड़कियों के स्कूल जाने पर रोक लग गई.
लड़कियों के शिक्षा को अधर में देखकर अफ़गानिस्तान से बाहर रह रहीं अफ़ग़ान मूल की एक महिला एंगेला ग़य्यूर ने सोचा कि इस बारे में कुछ किया जाए.
अब उनके ऑनलाइन स्कूल में एक हज़ार से अधिक छात्राएं हैं और चार सौ से अधिक स्वयंसेवक शिक्षक हैं.
एंगेला सिर्फ़ आठ साल की थीं जब साल 1992 में अफ़ग़ानिस्तान गृहयुद्ध में घिर गया था. देश के पश्चिमी शहर हेरात में रहने वाला उनका परिवार शरण लेने के लिए ईरान पहुंच गया.
अगले पांच सालों तक एंगेला स्कूल नहीं जा सकीं थीं. दरअसल परिवार के अस्थायी वीज़ा की वजह से वो स्कूल जाने के योग्य नहीं थीं.