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अफगानिस्तान से लौटी भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता डॉ बरखा वर्षा की जुबानी तालिबानी दहशत की कहानी
ABP News
अपनी आपबीती सुनाते हुए डॉ वर्षा बताती हैं कि बीते 20 दिनों के दौरान क़ई बार उन्होंने अपने करीब धमाके होते और लोगों की जान जाते देखा.
नई दिल्लीः भारत ने बीते दो दशकों के दौरान अफगानिस्तान के विकास में बड़ी भूमिका निभाई. सलमा बांध डेला सारांश जैसी महत्वपूर्ण सड़क और कई पावर ट्रांसमिशन लायंस से लेकर देश के संसद भवन तक की इमारत तक कई सौगातें दीं. मगर तालिबानी बंदूकों के बढ़ते आतंक के बीच अब मदद का हाथ बढ़ाकर अफगानिस्तान को खड़ा करने की इन कोशिशों का रास्ता रुकता जा रहा है. सुरक्षा खतरों और चिंताओं के बीच भारत को अब विकास सहायता परियोजनाएं रोक अपने पेशेवरों को वापस लौट आना पड़ा है. अफगानिस्तान में स्कूली शिक्षा मजबूत करने के लिए काम कर रही भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर बरखा वर्षा भी उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें सुरक्षा खतरों के चलते अपना काम बीच में छोड़कर भारत लौटना पड़ा. 2 दिन पहले अफगानिस्तान से लौटी डॉक्टर वर्षा ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि अफगानिस्तान के हालात लगातार बद से बदतर होते चले जा रहे हैं. हर जगह डर का माहौल है.More Related News