अफगानिस्तान में फवाद अंदराबी की हत्या, तालिबान की कथनी-करनी में अंतर के 7 सबूत
The Quint
Taliban in Afghanistan: क्या तालिबान किए गए अपने वादों के मुताबिक नहीं चल रहा है, तालिबान की कथनी और करनी में कितना अंतर? Is the Taliban not going according to their promises? How their doing is totally opposite of what they promised?
पिछले दिनों तालिबान (Taliban) के एक लड़ाके ने अफगान लोक गायक फवाद अंदराबी (Fawad Andrabi) की गोली मारकर हत्या कर दी. रिपोर्ट के मुताबिक, उनको घर से खींचकर बाहर खेतों में ले जाया गया उसके बाद हत्या की गई. उनके बेटे जवाद अंदराबी ने द एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि वो निर्दोष थे. वो एक गायक थे सिर्फ और सिर्फ लोगों के मनोरंजन के लिए काम किया करते थे. तालिबानियों ने उनके सिर में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी.इस हत्या के बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) के क्रिएटिव कम्युनिटी से जुड़े लोगों को फिर से ये चिंता होने लगी है कि अफगानिस्तान में तालिबान फिर से दमनकारी शासन चलाने वाला है. इस घटना ने याद दिलाया है कि तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद सभी तरह के नागरिकों को जो अधिकार देने की बात कही थी, वो महज दिखावा है.यह पहली घटना नहीं है जिससे तालिबान की कथनी और करनी में फर्क दिख रहा है बल्कि 15 अगस्त के बाद होने वाली इस तरह की तमाम घटनाएं इस बात की गवाह हैं. आइए देखते हैं तालिबान की कथनी और करनी में अंतर के सात उदाहरण.अमेरिका ने अफगानिस्तान में बनाया था डेटाबेस(PHOTO/Twitter)ADVERTISEMENT1. अफगानों के खिलाफ अमेरिकी डेटाबेस का इस्तेमालअमेरिकी सेना द्वारा अफगानिस्तान में पिछले 12 सालों से डेटाबेस बनाने की प्रक्रिया चल रही थी. इसमें उन अफगान नागरिकों का डेटा भी है जो पिछले कई सालों से अमेरिकी सेना की किसी न किसी रूप में मदद कर रहे थे, जिसमें ड्राइवर, नर्स और ट्रांसलेटर भी शामिल हैं. अमेरिका ने 2009 में तीन लाख अफगान नागरिकों का डेटा इकट्ठा किया था, इनमें सैनिकों और जेल में बंद कैदियों का भी डेटा शामिल है.तालिबान अब इस डेटाबेस की मदद से ऐसे लोगों को निशाना बना रहा है जिन्होंने अमेरिकी सेना की मदद की थे. जबकि उसने वादा किया था कि सबको आम माफी दी जाएगी.ADVERTISEMENT2. मसूद अजहर की तालिबान नेतृत्व से मुलाकातमसूद अजहरआतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर और तालिबानी नेतृत्व से पिछले दिनों मुलाकात की खबर सामने आयी थी. अफगानिस्तान के कांधार में मसूद अजहर ने तालिबान के पॉलिटिकल विंग के चीफ मौलाना अब्दुल गनी बरादर से मुलाकात की और मदद मांगी है. अजहर एक घोषित आतंकवादी है. जबकि तालिबान ने वादा किया है कि वो अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकी कार्रवाई के लिए नहीं होने देगा.ADVERTIS...More Related News