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अफगानिस्तान में इकॉनमी की टूटी कमर, बंदूक की खेती करने वाले तालिबानी नहीं जानते रोटी कैसे उगाएं
ABP News
देश में बचे अफगान नागरिकों को दो वक्त की रोटी देने में तालिबानी सरकार सक्षम नहीं है. बंदूक की खेती करने वाले तालिबानियों को पता ही नहीं है कि रोटी कहां से उगाएं.
काबुल: अफगानिस्तान में तालिबानी राज वापस आने के बाद सबके जहन में एक ही सवाल उठ रहा है कि देश चलाने के लिए पैसे कहां से लाएंगे. वैसे तो गरीबी और भुखमरी मिटाने के लिए यूनाइटेड नेशन ने कई बड़े देशों से मदद का हाथ मांगा है, लेकिन अब देखना ये होगा कि तालिबान उस मदद को गोले बारूद में इस्तेमाल करता है या अपने देश की भुखी जनता का पेट भरने में. मानवीय सहायता के लिए यूनाइटेड नेशन अहम बैठक बुलाईजेनेवा में अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के लिए यूनाइटेड नेशन अहम बैठक बुलाई गई. जिसमें कई देश आगे आ कर अफगानिस्तान की तबाह जनता की मदद के लिए पैसे देने की बात कही है. अमेरिका ने अफगानिस्तान को 64 मिलियन डॉलर देने का एलान किया है. जर्मनी भी सौ मिलियन यूरो यानी करीब 900 करोड़ की मदद देगा. चीन ने पहले ही अफगानिस्तान को 228 करोड़ रुपए देने का एलान किया है.More Related News