अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद ईरान और तुर्की में बढ़ सकती है शरणार्थियों की भीड़
NDTV India
अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा ईरान और तुर्की के लिए सिरदर्द बन गया है. दोनों ही देश शरणार्थियों की और अधिक आमद नहीं चाहते हैं.
तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर तेजी से कब्जा करना पड़ोसी देश ईरान और तुर्की के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया है. दोनों देशों को अपना प्रभाव बढ़ाने का अवसर मिल सकता है, लेकिन दोनों ही देश शरणार्थियों की और अधिक आमद नहीं चाहते हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि दोनों ही देश कोरोनावायरस महामारी से जूझ रहे हैं और आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं. विश्लेषकों का कहना है कि सब कुछ अज्ञात कारकों पर निर्भर करता है- तालिबान अधिक उदार रुख पेश करता है जो अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दे सकता है या वह बेलगाम उग्रवाद की ओर लौटते हैं जिसके कारण 11 सितंबर 2001 को उन्हें उखाड़ फेंका गया था.More Related News