'अपनी मूंछों की लड़ाई छोड़ दो, पीछे हटना सीख लो'... किसानों से बोले नरेश टिकैत
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भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसानों को लगातार उलझाया जा रहा है. उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा. किसान कर्जदार हो गए हैं.
दिल्ली-देहरादून इकोनामिक कारिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर सोमवार को शामली में कलक्ट्रेट में धरना-प्रदर्शन हुआ. प्रदर्शन में शामिल होने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत भी पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने किसानों की समस्याओं और नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी पर विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि किसान अब बड़े कर्जदार हो गए हैं. उन्हें मूंछों की लड़ाई छोड़ देनी चाहिए.
शामली स्थित कलक्ट्रेट में नरेश टिकैत ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आप अपनी मूंछों की लड़ाई छोड़ दो और पीछे हटना सीख लो. क्योंकि किसान अब बड़े कर्जदार हो गए हैं, ऐसे में अपनी समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करो. किसानों के बाजे बज रहे हैं, किसानों के अंगूठे बैंकों में लग रहे हैं, बिजली के बिल भारी मात्रा में बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी बिजली के रेट हरियाणा के बराबर कर दो वहां भी बीजेपी सरकार है.
नरेश टिकैत ने कहा कि किसान आज चारों तरफ से घिरा हुआ है. किसान को इस तरह से उलझा दिया गया है, जैसे किसान आतंकवादी हों. कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. हमारी प्रशासन से मांग है कि किसानों की भूमि अधिग्रहण से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जाए.
'पत्थर फेंकना गलत तो बुलडोजर चलवाना भी गलत'
इस दौरान नरेश टिकैत ने नूपुर शर्मा के विवादित बयान को लेकर कहा कि जब उन्होंने माफी मांग ली तो मामला रफा-दफा करो. अब लोगों को अपना काम करना चाहिए. मुकदमा करवाना और बुलडोजर चलवाना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि हालांकि नूपुर शर्मा को दूसरे मजहब के प्रति ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था. लेकिन उन्होंने माफी मांग ली है. जुमे की नमाज के बाद जो कुछ हुआ, वह गलत है. लेकिन जिस तरह से सरकार मकानों पर बुलडोजर चला रही है, वह भी गलत है. जो भी दोषी हो, उसे सजा देने के लिए कानून और अदालत है. सरकार को सख्त होना चाहिए, लेकिन क्रूर नहीं.
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हम लगेज पॉलिसी लेकर आए हैं, जब भी हम कुछ लागू करते हैं, तो हमें सुझाव मिलते हैं, जनता की मांग थी कि दूध और सब्जी का उत्पादन करने वाले या सप्लाई करने वाले किसानों को हमारी बसों में रियायत दी जाए, हमने उनकी मांग को स्वीकार किया और दूध और सब्जी सप्लायरों के लिए टिकट हटा दिए हैं.
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