अपनी जिम्मेदारी से न भागे केंद्र सरकार... 'रेल रोको' प्रदर्शन से पहले बोले किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल
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किसान संगठन अपनी मांगों को पूरी कराने के लिए 10 मार्च को प्रस्तावित 'रेल रोको' विरोध प्रदर्शन में भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं. अपने रेल रोको प्रदर्शन से पहले जगजीत सिंह डल्लेवाल ने केंद्र सरकार से कहा कि वह सभी फसलों पर एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी देने की अपनी जिम्मेदारी से न भागे.
किसान संगठन अपनी मांगों पर दबाव बनाने के लिए 10 मार्च को प्रस्तावित 'रेल रोको' विरोध प्रदर्शन में भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं. उससे पहले किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने शनिवार को केंद्र से आग्रह किया कि वह सभी फसलों पर एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी देने की अपनी जिम्मेदारी से न भागे. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में रविवार को 'रेल रोको' विरोध का आह्वान किया है. रिपोर्टों का हवाला देते हुए, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता डल्लेवाल ने अरहर, उड़द, मसूर, मक्का और कपास की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गारंटीकृत खरीद की केंद्र की योजना को खारिज कर दिया. पत्रकारों से बात करते हुए डल्लेवाल ने इस बात पर जोर दिया कि किसानों को स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक 'सी2 प्लस 50 परसेंट' फॉर्मूले के तहत सभी फसलों पर एमएसपी दिया जाना चाहिए. उन्होंने उन दावों को भी खारिज कर दिया कि सभी फसलों पर एमएसपी देना व्यवहारिक नहीं है, क्योंकि इसमें भारी लागत आएगी.
सरकार के जिम्मेदारी से नहीं भागना चाहिए
डल्लेवाल ने कहा कि सरकार 1.38 लाख करोड़ रुपये का पाम ऑयल आयात कर रही है, लेकिन वह किसानों को सभी फसलों पर एमएसपी देकर उन पर खर्च नहीं कर सकती. सरकार को अपनी जिम्मेदारी से भागना नहीं चाहिए. देश के किसानों को बचाने के लिए एमएसपी पर कानून बनाना चाहिए.
पटरियों पर बैठेंगे किसान इस दौरान किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने मीडिया से कहा कि प्रदर्शनकारी किसान फिरोजपुर, अमृतसर, रूपनगर, गुरदासपुर जिलों सहित पंजाब की कई जगहों पर रेलवे पटरियों पर बैठेंगे. भारती किसान यूनियन (एकता उगराहां), भारती किसान यूनियन (दकौंदा-धनेर) और क्रांतिकारी किसान यूनियन 'रेल रोको' आंदोलन में भाग लेंगे.किसानों ने खारिज किया सरकार के प्रस्ताव वहीं, इससे पहले किसान नेताओं ने सरकारी एजेंसियों द्वारा पांच साल के लिए एमएसपी पर दलहन, मक्का और कपास की खरीद के भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र सरकार के प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह किसानों के पक्ष में नहीं है. 18 फरवरी को किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की वार्ता के दौरान तीन केंद्रीय मंत्रियों के एक पैनल ने प्रस्ताव दिया था कि सरकारी एजेंसियां किसानों के साथ समझौता करने के बाद पांच साल तक एमएसपी पर दालें, मक्का और कपास खरीदेंगी.क्या है किसानों की मांग
किसान केंद्र सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी दे. किसानों के खिलाफ मुकदमे वापस ले सरकार. लखीमपुर खीरी मामले में दोषियों को सजा दी जाए. किसानों को प्रदूषण कानून से बाहर किया जाए. किसानों का कर्ज माफ करे सरकार. 2020 के विद्युत संशोधन विधेयक रद्द करें.
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