
अदालतों में लंबित मामलों के बहाने क़ानून मंत्री ने फिर कॉलेजियम प्रणाली पर निशाना साधा
The Wire
गुरुवार को राज्यसभा में देश की अदालतों में लंबित मामलों के बारे में पूछे गए एक सवाल को केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने न्यायाधीशों के रिक्त पदों से जोड़ते हुए कहा कि यह मुद्दा जजों की नियुक्तियों के लिए 'कोई नई प्रणाली' लाए जाने तक हल नहीं होगा.
नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को न्यायाधीशों के रिक्त पदों को अदालतों में लंबित मामलों की भारी संख्या से जोड़ते हुए उच्च न्यायपालिका में नियुक्तियों के लिए सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम प्रणाली का जिक्र करते हुए राज्यसभा को बताया कि यह मुद्दा नियुक्तियों के लिए ‘कोई नई प्रणाली’ लाने तक हल नहीं होगा.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, उन्होंने यह भी कहा कि ‘भारत के लोगों के बीच यह भावना है कि अदालतों को मिलने वाली लंबी छुट्टी इंसाफ चाहने वालों के लिए बहुत सुविधाजनक नहीं है’ और यह उनका ‘दायित्व है कि वे इस सदन के संदेश या भावना को न्यायपालिका तक पहुंचाएं.’
राज्यसभा में कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला के अदालतों के कार्य दिवसों की संख्या पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए रिजिजू ने कहा कि देश में लंबित मामलों की संख्या 4.90 करोड़ तक पहुंच गई है.
उन्होंने कहा कि इसके कई कारण हैं, लेकिन ‘प्राथमिक वजह न्यायाधीशों की नियुक्ति’ और स्वीकृत संख्या के अनुरूप उनकी मौजूदगी न होना हैं.