![अतिक्रमण हटाने के बहाने मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसक मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ा जा रहा है](https://thewirehindi.com/wp-content/uploads/2022/05/Shaheen-Bagh-Encroachment-Drive-PTI-1.jpg)
अतिक्रमण हटाने के बहाने मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसक मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ा जा रहा है
The Wire
यूपी, मध्य प्रदेश, गुजरात और अब दिल्ली में बुलडोज़र का इस्तेमाल रोज़ाना की उत्तेजना बनाए रखने के लिए किया जा रहा है. हिंदुओं में मुसलमानों को उजड़ते देख, रोते, बदहवास देखने की हिंसक कामना जगाई जा रही है. अब भाजपा, मीडिया, पुलिस और प्रशासन में कोई फ़र्क़ नहीं रह गया है. एक रास्ता दिखा रहा है, एक बुलडोज़र का क़ानून बता रहा है, एक हथियार के साथ उसे घेरा देकर चल रहा है, तो एक ललकार रहा है.
भारतीय जनता पार्टी की इच्छा पूरी नहीं हो पाई. शाहीन बाग़ के घर, मकान, दुकानें पहले की ही तरह ही अपनी जगह खड़े हैं. दक्षिण दिल्ली नगर निगम के बुलडोज़र के बहाने भाजपा और उसके समर्थक मुसलमानों के खून और आंसू बहते देख मिलने वाले मज़े से महरूम रह गए. भाजपा की सहयोगी भारतीय मीडिया के कथित पत्रकार भी बेचारे निराश लौटे क्योंकि उनके कैमरे जिस विध्वंस का दृश्य चाहते थे, वह नहीं बन सका. इलाक़े के बाशिंदों के कड़े प्रतिरोध की वजह से बुलडोज़र और मीडिया को असंतुष्ट लौटना पड़ा.
भारतीय जनता पार्टी को इसका बहुत मलाल है. उसके प्रदेश अध्यक्ष ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखा है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए, उन्हें गिरफ़्तार किया जाए क्योंकि उन्होंने सरकारी काम में बाधा डाली है.
भाजपा अध्यक्ष के मुताबिक़, उन्होंने बांग्लादेशी रोहिंग्याओं के अवैध अतिक्रमण को हटाने में रुकावट डाली है. मेयर मुकेश सूर्यान ने भी कहा है कि उन्हें यह ख़त मिला है. वे अतिक्रमण हटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
शाहीन बाग़ के बाज़ार की यूनियन के अध्यक्ष एक हिंदू ही हैं. उन्होंने इस पूरे अभियान की निंदा की है. उनके मुताबिक़ इस इलाक़े में ऐसा अतिक्रमण नहीं है कि आप बुलडोज़र लेकर पहुंच जाएं. इसका असर बाज़ार पर बुरा पड़ रहा है. कौन इस तनाव के बीच यहां ख़रीदारी करने आएगा?