अटल बिहारी वाजपेयी: ‘प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम न दो’ - विवेचना
BBC
हाल ही में मशहूर पत्रकार सागरिका घोष ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी लिखी है जिसमें उन्होंने उनके जीवन की प्रमुख घटनाओं के साथ-साथ उनके उस प्रेम प्रसंग की चर्चा की है जिसके बारे में कम लोगों को जानकारी है.
चालीस के दशक में भारत की आज़ादी की लड़ाई लड़ने वाले अधिकतर लोगों के निजी संबंध लकीर के फ़कीर नहीं थे.
गांधी खुलेआम ब्रह्मचर्य के साथ अपने प्रयोग कर रहे थे. कहा जाता है कि विधुर होते हुए भी जवाहरलाल नेहरू के एडवीना माउंटबेटन और पद्मजा नायडू के साथ संबंध थे.
समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया ऐलानिया रमा मित्रा के साथ रह रहे थे जिनसे उन्होंने कभी विवाह नहीं किया.
उसी कड़ी में एक नाम था अटल बिहारी वाजपेयी का भी है, जिनकी ज़िदगी में राजकुमारी कौल के लिए एक ख़ास जगह थी.
ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज (अब महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज) में पढ़ाई के दौरान वाजपेयी की मुलाक़ात राजकुमारी हक्सर से हुई जिनकी तरफ़ वो खिंचे चले गए.