अग्निवीरों को आरक्षण का वादा, लेकिन कोटे के बावजूद पूर्व सैनिक सरकारी नौकरी से वंचित: रिपोर्ट
The Wire
एक तरफ जहां सरकार 'अग्निपथ' योजना के तहत नौकरी पाने वाले अग्निवीरों को चार साल की सेवा समाप्ति के बाद सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की बात कह रही है, वहीं एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी नौकरियों में पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित पदों और उन पर हुईं नियुक्तियों की संख्या में बड़ा अंतर है.
नई दिल्ली: खामियों से भरी अग्निपथ भर्ती योजना के खिलाफ आंदोलनकारियों के गुस्से को शांत कराने के लिए सरकार ने विभिन्न नौकरियों में सेना से निकाले गए अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा की है, लेकिन इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट बताती है कि सरकारी नौकरियों में रखे गए पूर्व सैनिकों की संख्या और उनके लिए आरक्षित पदों की संख्या में एक बड़ा अंतर है.
बता दें कि सैन्य भर्ती में सुधार की सरकार की इस योजना ने पूरे देश में हिंसक आंदोलन भड़का दिए हैं. सोमवार को अग्निपथ योजना के विरोध में भारत बंद भी किया गया.
योजना की घोषणा के बाद से सरकार ने कुछ रियायतें दी हैं, जिनके तहत अग्निपथ योजना के आवेदकों के लिए अधिकतम आयु सीमा को अस्थायी तौर पर बढ़ाकर 23 साल कर दिया है और साथ ही केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ), रक्षा मंत्रालय एवं रक्षा संबंधी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) में अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की है.
लेकिन, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट बताती है कि पूर्व सैनिकों के लिए नौकरियों का मौजूदा कोटा (आरक्षण) तक पूरा नहीं हो पा रहा है, जो इसके बताए गए लक्ष्य से कोसों दूर है.