अगले 3 साल में ड्रोन का सर्विस सेक्टर 30 हजार करोड़ की इंडस्ट्री बनेगा, संसद में बोले ज्योतिरादित्य सिंधिया
AajTak
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ड्रोन से जुड़े सवालों के जवाब दिए. उन्होंने कहा कि आने वाला समय ड्रोन्स का है. अगले 3 सालों में ड्रोन का सर्विस सेक्टर, 30 हजार करोड़ की इंडस्ट्री बनेगा और 5 लाख रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे.
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के 12वें दिन, यानी गुरुवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान ड्रोन पर कई सवाल पूछे गए, जिसका जवाब नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बड़े विस्तार से दिया. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि आने वाला समय ड्रोन्स का है जिसमें ड्रोन के ही विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के तमाम अवसर अपलब्ध होंगे.
नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ड्रोन का क्षेत्र नवीनीकरण का क्षेत्र है जैसा कि अब इलैक्ट्रिक वाहन और बायो-डीज़ल का जमाना है उसी तरह से ड्रोन में भी है. उन्होंने कहा कि हम जिस तरह से अपना जीवन जी रहे हैं, ड्रोन्स में उसे ट्रांसफॉर्म करने की क्षमता है. प्रधानमंत्री मोदी का सपना है कि 2030 तक भारत ड्रोन के मामले में ग्लोबल लीडर और ग्लोबल हब बन जाए.
ड्रोन पायलट्स के लिए आने वाला समय बहुत अच्छा
सिंधिया ने कहा कि ड्रोन पायलट्स के लिए आने वाला समय बहुत अच्छा है. 12वीं का एक बच्चा भी ड्रोन स्कूल में 15 दिन बिताकर एक अच्छा ड्रोन पायलट बन सकता है और हर महीने करीब 30 हजार रुपए कमा सकता है. आने वाले समय में इस क्षेत्र में बहुत रोजगार उपलब्ध होंगे. मुझे पूरा भरोसा है कि आने वाले समय में भारत के पास लाखों-करोड़ों ड्रोन पायलट होंगे.
ड्रोन लाइसेंस DGCA द्वारा नहीं दिया जाएगा
लोकसभा में नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ड्रोन के कोर्स 5-10 दिनों में ड्रोन का लाइसेंस दे देते हैं. ड्रोन लाइसेंस DGCA द्वारा नहीं दिया जाएगा, संस्था द्वारा दिया जाएगा. इसमें जो ब्यूरोक्रोसी की समस्या थी, उसका भी निपटारा कर दिया गया है. हमारी कोशिश है कि इसकी फीस सबसे किफायती हो जिससे बच्चे पूरा तरह क्वालिफाई होकर ड्रोन चला सकें. ड्रोन का इस्तेमाल केवल कृषि में ही नहीं कई क्षेत्रों में किया जाता है. यह एक नई इंडस्ट्री है, जो ड्रोन्स के द्वारा खोली जाएगी.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.