'अगर मैं वहां होता तो जनरल डायर को भूल जाते', मणिपुर में महिलाओं से दरिंदगी पर बोले पूर्व DGP विक्रम सिंह
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यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि अगर पुलिस ने 2 महीने बाद FIR की है, तो इसकी क्या वजह रही. साथ ही कहा कि पुलिस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि उस जिले के डीएम-एसएसपी को बर्खास्त क्यों नहीं किया गया. विक्रम सिंह ने महिलाओं से दरिंदगी करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की मांग की है.
मणिपुर में महिलाओं पर हुए जुल्म की तस्वीरें देखकर पूरा देश स्तब्ध है. हिंसा का दंश झेल रहे इस राज्य में जो हैवानियत हुई, उसने समाज में इंसानियत पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस दरिंदगी पर अब सियासत हो रही है. इस मामले में यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि इस मामले में अभी तक कठोरतम कार्रवाई नहीं की गई है. साथ ही कहा कि अगर मैं वहां होता तो लोग जनरल डायर को भूल जाते. उन्होंने कहा कि पुलिस इसलिए नहीं हैं कि वह मूकदर्शक बनी रहे. अगर मैं होता तो यह दरिंदगी करने वाले किसी महिला की तरफ आंख उठाकर देखने के काबिल नहीं रहते.
पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि अगर पुलिस ने 2 महीने बाद FIR की है, तो इसकी क्या वजह रही. साथ ही कहा कि पुलिस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि उस जिले के डीएम-एसएसपी को बर्खास्त क्यों नहीं किया गया. विक्रम सिंह ने कहा कि पुलिस को तब तक बलप्रयोग करना चाहिए था, जब तक बलवाई भाग खड़े नहीं होते. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इसमें जरूर कोई न कोई मूकसहमति है. इस घटना के लिए जो भी जिम्मेदार हैं, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.
क्या है मणिपुर की घटना?
घटना 4 मई की है. कांगपोकपी जिले के बी फाइनॉम गांव पर 1000 सशस्त्र हमलावरों ने हमला किया. कूकी समुदाय के 2 पुरुष और 3 महिलाएं डर के मारे जंगल में छिपे थे, उन्हें हमलावरों ने पकड़ लिया. नॉनपॉक सेकमाई पुलिस ने उन्हें छुड़ाया और सुरक्षित थाने ले जाने लगी, लेकिन भीड़ ने पुलिस से उन्हें छीन लिया. 56 साल के शख्स की वहीं हत्या कर दी. महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाया गया. युवती से सरेआम सामूहिक दुष्कर्म किया गया. उसके 19 साल के भाई ने अपनी बहन को बचाने की कोशिश तो उसकी हत्या कर दी गई. बाद में तीनों महिलाएं किसी तरह जान बचा पाईं.
वारदात के बाद क्या हुआ ? इस वारदात के 14 दिन तक किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी. 18 मई को गांव के प्रमुख ने पुलिस को शिकायत दी. इस शिकायत के 34 दिन बाद 21 जून को मुकदमा कायम किया गया. और 29 दिन बाद जब वीडियो वायरल हुआ तो सिर्फ एक युवक की गिरफ्तारी हुई.
मणिपुर में विवाद क्या है?
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